Ajay Amitabh Suman stories download free PDF

जय हो बकरी माई

by Ajay Amitabh Suman
  • 8k

(१) जय हो बकरी माई बकरी को प्रतीक बनाकर मानव के छद्म व्यक्तित्व और बाह्यआडम्बर ...

SIN OF A VIRTUOUS MAN

by Ajay Amitabh Suman
  • (3.8/5)
  • 6.1k

It is said that the wheel of the chariot of Dharmaraja Yudhishthira never came in contact with the Earth. ...

अधर्म धर्मराज का

by Ajay Amitabh Suman
  • 11.3k

ऐसा कहा जाता है कि धर्मराज युधिष्ठिर के रथ का पहिया कभी भी धरती की संपर्क में नहीं आता ...

मज़बूरी

by Ajay Amitabh Suman
  • 9k

पैसे की तलाश में आदमी को क्या क्या न करना पड़ता है। मोहन एक छोटा सा व्यापारी था। घर ...

कहाँ है मन?

by Ajay Amitabh Suman
  • 6.4k

चीन का सम्राट अनगिनत जीत हासिल करके भी बहुत परेशान था। मन मे उठते हुए विचार उसके चितवन मे ...

फितरत इंसान की

by Ajay Amitabh Suman
  • 10.1k

मानव के स्वभाव को दिखाती हुई पाँच कविताएँ1.फितरत इंसान कीइन्सान की ये फितरत है अच्छी खराब भी,दिल भी है ...

माँ एक गाथा: भाग : 5

by Ajay Amitabh Suman
  • 6.4k

दादी की ममता है न्यारी ,पोतो को लगती है प्यारी ,लंगड़ लंगड़ के भी चल चल के ,पोते पोती ...

यम याचन

by Ajay Amitabh Suman
  • 8.7k

ये कविता एक आत्मा और यमराज के बीच वार्तालाप पर आधारित है।आत्मा का प्रवेश जब माता के गर्भ में ...

अवसान

by Ajay Amitabh Suman
  • 7k

जिन्हें चाह है इस जीवन में, स्वर्णिम भोर उजाले की,उनके राहों पे स्वागत करते,घटा टोप अन्धियारे भी।इन घटाटोप अंधियारों ...

रणछोड़

by Ajay Amitabh Suman
  • (4.5/5)
  • 10.3k

कोरोना में सारा देश बंद हो चूका है । वो तो भला हो फेसबुक और व्हात्त्सप्प का , लोगों ...