R B Chavda stories download free PDF

दिल ने जिसे चाहा - 10

by R. B. Chavda
  • 1.1k

सुबह के साढ़े नौ बजे होंगे। अस्पताल का माहौल रोज़ की तरह तेज़ और व्यस्त था, लेकिन डॉक्टर मयूर ...

दिल ने जिसे चाहा - 9

by R. B. Chavda
  • 1.5k

कुछ दिन बाद.....सुबह की नर्म किरणों ने जैसे ही खिड़की से झाँककर कमरे को छुआ, एक हल्की सी गर्माहट ...

दिल ने जिसे चाहा - 8

by R. B. Chavda
  • 1.9k

रुशाली आज कुछ ज़्यादा ही नर्वस थी। सफ़ेद कोट उसके कंधों पर था, पर आत्मविश्वास कहीं कंधों से फिसलता ...

दिल ने जिसे चाहा - 7

by R. B. Chavda
  • 2.4k

अब रुशाली की ज़िंदगी एक तय रूटीन में ढल चुकी थी — हर सुबह उठकर अस्पताल जाना, मरीज़ों की ...

दिल ने जिसे चाहा - 6

by R. B. Chavda
  • 3.3k

रुशाली अब अस्पताल से घर लौट आई थी। जिस तरह से ज़िन्दगी ने उसे झकझोरा था, उसके बाद अब ...

दिल ने जिसे चाहा - 5

by R. B. Chavda
  • 2.5k

रुशाली का वह दिन भी पिछली रात की ही तरह बीता – मन में वही डॉक्टर लड़का छाया रहा ...

दिल ने जिसे चाहा - 4

by R. B. Chavda
  • 2.8k

रुशाली उस अस्पताल के जनरल वार्ड में रात के लगभग तीन से साढ़े तीन बजे अपनी माँ के पास ...

दिल ने जिसे चाहा - 3

by R. B. Chavda
  • 2.6k

रुशाली की ज़िंदगी ठीक-ठाक चल रही थी। वह एक खुशमिजाज लड़की थी, जिसे अब तक न तो किसी से ...

दिल ने जिसे चाहा - 2

by R. B. Chavda
  • 3.4k

रुशाली की ज़िंदगी उतनी ही सादी थी, जितनी उसकी सोच। न उसे बनावटी खूबसूरती की फिक्र थी, न ही ...

दिल ने जिसे चाहा - 1

by R. B. Chavda
  • 5.7k

मैं यह कहानी दोबारा लिख रही हूँ, लेकिन इस बार बिल्कुल वैसे, जैसे मैंने इसे अपने दिल में महसूस ...