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मेरा रक्षक - भाग 17

by ekshayra
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रनविजय की आँखों के सामने अब भी मीरा का चेहरा घूम रहा था—वो आँखें, जो कभी उसे देख मुस्कराया ...

मेरा रक्षक - भाग 16

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शाम के चार बजे थे। सूरज ढलने को था, और आसमान में हल्की सुनहरी सी रोशनी फैली हुई थी। ...

मेरा रक्षक - भाग 15

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मीरा वहीं खड़ी थी, जहाँ रणविजय ने उसे छोड़ दिया था बिल्कुल अकेली, बेजान-सी। उसके कानों में रणविजय के ...

मेरा रक्षक - भाग 14

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  • 1.2k

रणविजय कमरे से बाहर निकला ही था कि सामने जॉन उसे बेसब्री से इंतज़ार करता दिखा। उसकी आँखों में ...

साया - 5

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उस रात के बाद अर्जुन ने अपनी मां को बुला लिया अपने पास, डरा हुआ अर्जुन अब अकेले नहीं ...

मेरा रक्षक - भाग 13

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  • 1.7k

कमरे में एक गहराई सी खामोशी थी। सिर्फ दो लोगों की साँसों की आवाज़ें — धीमी, भारी और एक-दूसरे ...

सपने

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  • 1.6k

"सपने देखो, पर खुली आँखों से, और नींद को पीछे छोड़कर। क्योंकि जो नींद में खो जाए, वो सपना ...

मेरा रक्षक - भाग 12

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मीरा की आँखें धीरे-धीरे खुली।उसने महसूस किया कि उसके ऊपर कुछ भारी था…और यह कोई सपना नहीं, बल्कि हकीकत ...

साया - 4

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सुबह की पहली किरण खिड़की से झाँकी तो अर्जुन अब भी वैसे ही ज़मीन पर बैठा था—थका, उलझा और ...

साया - 3

by ekshayra
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रात के दो बजे थे। अर्जुन अपने कमरे में लेटा हुआ था, लेकिन नींद उससे कोसों दूर थी। खिड़की ...