अर्थ का फिर से कोल आया,,,,,,,, लक्ष _____ आज क्या तुमने ठान ली है कि मुझे परेशान करते ही ...
हमने पिछले पार्ट में देखा कि लक्ष लावण्या दिल्ली से बहुत दूर आ गए थे और दोनों एक रिसोर्ट ...
अगर विक्रांत ना होता तो लावण्या नीचे गीर ही जाती ,,,,, लक्ष को यह अच्छा नहीं लगा जिस तरह ...
लावण्या ने जब मुड़कर देखा वह चंद्रशेखर जी थे,, वो उनके सामने देख कर मुस्कुराई। चंद्रशेखर जी लावण्या के ...
लावी अभी आकर बैठी ही थी कि उसका डोर नॉक हुआ,, वो कुछ रिएक्ट करती हूं उससे पहले ही ...
मैंने कहानी का नाम चेंज किया है ,,,,,जब मैंने कहानी शुरू की तब ही मैंने आप लोगों से सजेशन ...
हमने पिछले पार्ट में देखा कि लक्ष लावण्या को पहचानता नहीं है , उसकी मेमोरी लॉस हो गई है,,,,,,,,!!अब ...
दोनों एक दूसरे के हाथों में हाथ डाल कर बातें कर रहे थे सालों की कमी एक दिन में ...
लावी अब ठीक थी और वो पहेले से बेहतर भी,,,,,, अपने सारा दोस्तो से मिलकर,,, सब वहा बैठेहुए थे ...
लावण्या आज बहुत दिनों के बाद खा रही थी,,,,, और उसे खाता हुए देख लक्ष सुकून से देख रहा ...