रविवार था सब घर में ही थे बाई आज काम पर नहीं आई हुई थी। राजेश इसी उधेड़बुन में ...
अगले दिन सुबह जब वो नाश्ता करने बैठा उस दौरान उसने अपनी मां से पूछा — "क्या आपको कोई ...
"तो क्या हमें मिलना चाहिए?""क्यों नहीं जरूर।" "कल सुबह 10 बजे उसी रेस्टोरेंट पर।""तय रहा।" अगले दिन राजेश सुबह ...
एक दिन मुझे मेरा एक दोस्त आकर कहता है "ये तू क्या फालतू की चीजें कर रहा है?" "ये ...
अनुज पूरी शाम उस ताबीज़ के बारे में सोचता रहा। उसका मन इधर से उधर घूमता ही रहा।"क्या उसने ...
अगले दिन फिर सुबह जल्दी उठकर उसने अनुज से मिलने का सोचा। और वो निकलने ही वाला होता है ...
शाम का वक्त था परिणीति अपनी मां के लिए दवाइयां खरीदने बाजार गई हुई थी। उसके पिता बचपन में ...
अगले दिन वह रोज के समय से पहले उठ गया और उससे मिलने की योजना बनाने लगा। बिना किसी ...
अगले दिन जैसे ही वह सुबह उठा,फौरन अपने तोते के पास चला गया। तोता पहले से ठीक नजर आ ...
एक गांव के बिलकुल बीचों बीच प्रतीक का घर था। जब भी कोई दूर के रिश्तेदार आते "कितना बड़ा ...