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मेरी प्रिय लघुकथाएं

by Krishna manu
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तालीम पुलिस इन्स्पेक्टर जरूरी काम निपटाकर उठने ही वाला था कि एक आदमी सहमा-सकुचाया उसके टेबल के पास आकर ...

शौकीलाल जी का स्कूटर प्रेम - 2

by Krishna manu
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शौकीलाल जी फिल्ड में आते ही इतना अधीर हो गए कि झट मेरे कब्जे से स्कूटर लेकर फाइनल टच ...

शौकीलाल जी का स्कूटर प्रेम - भाग 1

by Krishna manu
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आज जहाँ लोग-बाग बुलेट ट्रेन पर सफर करने का सपना लिये फिरते हैं। हवाई जहाज पर सफ़र करने का ...

मेरी दस चुनिंदा लघुकथाएं

by Krishna manu
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#लोकतंत्र बूढ़ा सोमर बड़ी कठिनाई से अपनी झोपड़ी के देहरी तक आ सका। एक मिनट की भी देर होने ...

एहसास का दंश

by Krishna manu
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कहानी ...

काश होते बारह बच्चे

by Krishna manu
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जिस गति से आबादी बढ़ रही है, खेती योग्य जमीन सिमटती जा रही है, मशीनी युग में जब सारा ...

एक प्याली चाय और शौकीलाल जी - भाग 3

by Krishna manu
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बीवी का प्रस्ताव सुन शौकीलाल जी भीतर तक कांप उठे। हजार रुपए बड़ी मुश्किल से उन्होंने घर खर्चे में ...

एक प्याली चाय और शौकीलाल जी - भाग-2

by Krishna manu
  • 5.2k

-' संबंध है। इसलिए तो मैं कह रही हूं कि यदि आप टीवी,रेडियो, अखबार आदि से नाता रखते तो ...

एक प्याली चाय और शौकीलाल जी - भाग-1

by Krishna manu
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किस्सा उन दिनो का है जब बिल्ली के भाग से सिकहर टूटा था। कम्पनी के एक कर्मचारी को लम्बी ...

पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 3

by Krishna manu
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शौकीलाल जी ने लापरवाही से जवाब दिया-' अरे छोड़ो यार, अब तो लोक सेवा आयोग, बैंकिंग सेवा आदि त्यागकर ...