रोमी के बोले शब्द विजय के दिमाग में घूम रहे थे आज वह अकेले में बैठ कर बहुत रोया ...
सुनील दत्त के मुंह से यह बात निशा की आंखों में आंसू निकल आए,,,,यह देखकर सुनील दत्त बोले अरे ...
विजय ने अपनी मां के लिए एक नौकरानी लगा दी जो उसके घर का सारा काम कर सके, वह ...
निशा दूसरे दिन सन्नू के साथ जो सुनील दत्त ने उसे कार्ड दिया था उस कार्ड पर लिखे पते ...
अब तक आपने पढ़ा कि बंगले के आगे एक गाड़ी आकर रूकती है उसमें से एक सूट बूट पहने ...
1 दिन निशा की बेटी गुनगुन निशा के पास आई और बोली मम्मा हमारी स्कूल में छोटे बच्चों का ...
अबउसे वह दृश्य याद कर बार-बार रोना आ रहा था और अपनी किस्मत पर गुस्सा आ रहा था वह ...
निशा को रहने का ठिकाना तो मिल गया था लेकिन अब उसे काम की चिंता थी, इसलिए काम की ...
निशा अपना ससुराल छोड़कर और अपने बच्चों को लेकर घर से आ तो गई लेकिन उसे यह चिंता सता ...
तब रोमिं बोली बंद कर अपनी यह बकवास और हां तुम्हारी यह मनहूस सूरत आइंदा हमें कभी मत दिखाना ...