रास्ते की हल्की ठंडी हवा अद्विक के चेहरे को छू रही थी। उसने बैग कसते हुए सोचा, “ठीक है, ...
अजय रात के ग्यारह बजे अपनी मेज पर बैठा पढाई कर रहे था बाहर पूरी गली में सनाटा पसरा ...