कौन कर्ण सा दानवीर है,इस अम्बर,धरा, रसातल में।सदा पार्थ से श्रेष्ठ रहा,वह धनुष-बाण या भुजबल में।।मधुसूदन सारथी न होते, ...
जब दिनकर नभ में आते हैं,तम का प्रभाव तब मिटता है।या दिख जाये जब केहरि तो, भेड़ों का दल ...
चित्तौड़ दुर्ग जीता अकबर, राणा के चक्षु हुये थे सुर्ख।उदयसिंह के हाथों फिसला,धोखे से रणथंभौर दुर्ग।।सुरजन ने पीठ छुरा ...
जिसने हर संभव यत्न किये, भारत आजाद कराने के।जो अधिकारी अमृत का था,विष उसे मिला पी जाने को।।अपने लक्ष्य ...
सांगा को मिली पराजय अब, भीतर ही भीतर खाती है।बाबर से बदला लेने को,हर पल ही जलती छाती है।।प्रण ...
वीणापाणि नमन है तुमको, मेरे कंठ में कर लो वास।देकर ज्ञान पुंज हे माता, निमिष में संशय कर दो ...