घड़ी की सुइयों के साथ भागता ये वक़्त कितना जल्दी - जल्दी ख़तम हो गया , हमें तो पता ...
" मरहम बनकर जख्म गहरे दिए क्यों ? आसान नहीं होता है किसी को दिल से भुला जाना " थके हारे ...