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नारद भक्ति सूत्र - 16.भक्ति की विशेषता

by Radhey Shreemali
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16.भक्ति की विशेषताअन्यकमात् कौलभ्यं भक्तौ ॥५८॥अर्थ : अन्य की अपेक्षा भक्ति सुलभ है ।।५८।।परम भक्त नारदमुनि ही नहीं अन्य ...

नारद भक्ति सूत्र - 15.भक्ति के भेद

by Radhey Shreemali
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15.भक्ति के भेदगौणी विधा गुणभेदादार्तादिभेदाद्वा ॥५६॥उत्तरस्मादुत्तरस्मात्पूर्वपूर्वा श्रेयाय भवति ॥ ५७।।अर्थ : गौणी भक्ति गुण भेद से तथा आर्तादि भेद ...

नारद भक्ति सूत्र - 14. प्रेम का स्वरूप और पात्रता

by Radhey Shreemali
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14.प्रेम का स्वरूप और पात्रताअनिर्वचनीयं प्रेमस्वरूपम् ||५१||मुकास्वादनवत्॥५२||अर्थ : प्रेम का वह स्वरूप अवर्णनीय, अकल्पनीय, अतुलनीय है।।५१।। गूँगे के स्वाद ...

नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग

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13.कर्म फल का त्यागयः कर्मफलं त्यजति, कर्माणि संन्यस्यति, ततो निद्वंद्वो भवति॥४८॥अर्थ : जो कर्म फल का त्याग करता है, ...

नारद भक्ति सूत्र - 12. विकारों से बचाव

by Radhey Shreemali
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12.विकारों से बचावकस्तरति कस्तरति मयाम् ? यः संगांस्त्यजति, यो महानुभावं सेवते, निर्ममो भवति॥४६॥अर्थ : कौन तरता है, कौन तरता ...

नारद भक्ति सूत्र - 11.विकारों का प्रभाव

by Radhey Shreemali
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11.विकारों का प्रभावकामक्रोध मोहस्मृतिभ्रंश बुध्दिनाशसर्वनाश कारणत्वात् ||४४||अर्थ : काम, क्रोध, मोह, स्मृतिभ्रंश, बुद्धिनाश ये सर्वनाश का कारण है।।४४||पिछले कुछ ...

नारद भक्ति सूत्र - 10.सत्य संघ का प्रभाव

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10.सत्य संघ का प्रभावमुख्यतस्तु महत्कृपयैव भगवत्कृपालेशाद्वा ||३८||अर्थ : मुख्यतया महापुरुषों की कृपा से या भगवत् कृपा के लेश मात्र ...

नारद भक्ति सूत्र - 9. श्रवण, कीर्तन, भजन से भक्ति में बढ़ोत्तरी

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9.श्रवण, कीर्तन, भजन से भक्ति में बढ़ोत्तरीअव्यावृत भजनात् ||३६||अर्थ : (अथवा) अखंड भजन से ।। ३६ ।।नारदजी भक्ति बढ़ाने ...

नारद भक्ति सूत्र - 8. भक्ति बढ़ाने के साधन

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8.भक्ति बढ़ाने के साधनतस्याः साधनानि गायंताचार्याः ||३४||अर्थ : उस (भक्ति) को प्राप्त करने के साधन बताते हैं ।। ३४।।जैसा ...

नारद भक्ति सूत्र - 7.भक्ति का स्वादिष्ट फल

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7.भक्ति का स्वादिष्ट फलराजगृहभोजनादिषु तथैव दृष्टत्वात्॥ ३१ ॥न तेन राजपरितोषः क्षुधाशांतिर्वा ||३२||अर्थ : राजगृहों में भोजन के समय ऐसा ...