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ट्रिपलेट्स भाग 1

by Raj Phulware

ट्रिपलेट्स भाग 1अमर – प्रेम – राजअध्याय 1 : अंधेरी रात, एक माँ और अधूरा सचबरसात की वह रात ...

जयकिशन

by Raj Phulware
  • 105

जयकिशनलेखक राज फुलवरेप्रस्तावनाएक शांत और सुंदर गाँव था—निरभ्रपुर। गाँव छोटा था, लेकिन यहाँ के लोगों के दिल बहुत बड़े ...

सर्जा राजा - भाग 2

by Raj Phulware
  • 162

सर्जा राजा – भाग 2(नया घर, नया परिवार, पहली आरती और पहला भरोसा)लेखक राज फुलवरेअध्याय 6 – हिम्मतराव के ...

चंदनी - भाग 1

by Raj Phulware
  • 576

चंदनीलेखक राज फुलवरेसुनहरे चंदन के पेड़ों की लंबी कतारों के बीच, एक छोटी-सी गुफा थी—शांत, ठंडी और सुगंध से ...

सर्जा राजा - भाग 1

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  • 750

सर्जा राजा – भाग 1(बैलों का महान मेला – शुरुआत)लेखक राज फुलवरेअध्याय 1 – बैलों का सबसे बड़ा मेलासुबह ...

कर्म नहीं, अंतर

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  • 777

कर्म नहीं, अंतरलेखक राज फुलवरेपुराने समय की बात है। हरे-भरे खेतों, मिट्टी की सोंधी खुशबू और शांत वातावरण से ...

मदन मंजिरी

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  • 645

मदन मंजिरीएक ऐसी कहानी… जो दर्द से शुरू होकर किस्मत की मोड़ पर जाकर बदल जाती है…गाँव “निमगाव” की ...

बेज़ुबान

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  • 627

बेज़ुबानलेखक राज फुलवरेसुबह की हल्की धूप शहर की सड़कों पर बिखरने लगी थी। चाय की थड़ियों पर भाप उड़ते ...

तपस्विनी

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  • 651

तपस्विनीलेखक राज फुलवरेदिशाएँ उस दिन असामान्य रूप से शांत थीं. सूर्य ढलने को था, पर उसकी किरणें जंगल के ...

कर्मा

by Raj Phulware
  • 909

कर्मा️ लेखक राज फुलवरे---1. शहर, अंधेरा और एक ठगशहर की एक पुरानी, बिखरी हुई बस्ती। गलियों में धुएँ की ...