आज पता नहीं क्यों, मुझे कंचन की बहुत याद आ रही है। कई बार उसकी तस्वीर निकालकर देख चुका ...
कुछ कहानियाँ अधूरी ही अच्छी लगती हैं।दो ऐसे प्रेमी, जो एक-दूसरे के न हो सके, जीवन भर एक-दूसरे का ...
1.तेरे दर्द में दिन-रात तड़पता है ये दिल,आँसू भले न निकले,पर खून उबलता है ये दिल।तेरे जाने का ग़म ...
सुबह का अंधेरा जब धुंध में घिरा होता है, तब किसी चौराहे पर रखी डिबिया की हल्की-सी रोशनी चारों ...
गरीबी को हराने के बाद हर परिवार चाहता है कि उसके सदस्य एक अच्छी जिंदगी जिएं। परिवार का मुखिया ...
मैं एक दिन खुलकर बात करूंगातुम्हारे सारे जज्बात कहूंगाकहानी किस तरह शुरू हुईसारे हालात लिखूंगा.... मैं खुलकर बात करूंगा ...