भेड़िये ठंड कुछ बढ़ गई थी. बौखलाई-सी हवा हू-हू करती हुई चल रही थी. उसने शरीर पर झीनी धोती ...
कुट्टी “यह आपको बहुत याद कर रही थी---आज खींच लायी---“ “बहुत अच्छा किया----“ मैंने मीनू को अपनी ओर खींच ...
उनका नर्क नाबदान के पास पहुंचकर उनकी कांपती टांगे ठिठक गयीं. गली में दूर तक पानी इकट्ठा हो गया ...
उडा़न मैं उसे पहचान नहीं पाया. तब, नितम्बों तक लहराते घने काले बाल थे उसके. बालों को वह खुला ...