Ch 2 : जो छुपा है, वो सामने आएगाशमशेरपुर की सुबह की हवा कुछ अलग लग रही थी — ...
कमरे की पुरानी पेंडुलम घड़ियाँ अब भी एक साथ टन-टन बज रही थीं, मानो कोई अदृश्य शक्ति हर धड़कते ...
कमरे के बाहर दीवार पर खून से लिखा वह वाक्य — “जो यहाँ आता है, वो लौटता नहीं” — ...
दरवाज़ा ज़ोर से बंद हुआ, और एक तेज़ चीख हवेली की दीवारों से टकराकर गूंज उठी। लालटेन की लौ ...
Introduction:छह दोस्त — तीन जोड़े — एक रहस्यमयी छुट्टी पर एक पुरानी, वीरान हवेली में पहुँचते हैं, जो वर्षों ...
चांदनी रात की ठंडी फिज़ा में तारा स्टेशन की खामोशी सुन रही थी। चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था ...
वह आवाज़ जो वापस आई शमशेरपुर ऐसा गाँव था जहाँ कहानियाँ सिर्फ सुनी नहीं जाती थीं, बल्कि ...