"कागज़ का फूल"2025 की एक नम शाम, दिल्ली के एक पुराने मोहल्ले में, जहाँ नीम के पेड़ों की छाँव ...
रात का सन्नाटा ऐसा था कि मानो पूरा शहर अपनी साँसें रोककर किसी भयानक अनहोनी का इंतज़ार कर रहा ...