नश्तर खामोशियों के शैलेंद्र शर्मा 5. उस साल एम.एस. सर्जरी के इम्तिहान दो महीने देरी से हुए थे. अना ...
नश्तर खामोशियों के शैलेंद्र शर्मा 4. किसी स्कूटर के स्टार्ट होने के स्वर से जैसे में नींद से जगी. ...
नश्तर खामोशियों के शैलेंद्र शर्मा 3. "डॉ साहब!" चपरासी सामने खड़ा था. "हाँ" मैंने नजरें उठाईं. "साहब, हम बिसरा ...
नश्तर खामोशियों के शैलेंद्र शर्मा 2. प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं की पहली क्लास थी. मैं बैठी थी वैसे ही ...
नश्तर खामोशियों के शैलेंद्र शर्मा 1. बार-बार उमड़ आते उफान से मेरी आँखें गीली हो जाती थीं. और सच, ...