देश का दिल दिल्ली, कई सपनों का रंग महल.. सत्ता के गलियारों से लेकर तंग गलियों तक.. कई जिन्दगियों ...
पिछले स्टॉप से बस छूटी तो सर पर चढ़ी धूप ठंडी हो चली थी। खिड़की से अब ठंडी हवा ...