सुबह हो गयी थी। त्रिपाठी भवन में चहल पहल हो रही थी। रुपाली और रजनी रसोई में थे सफऱ ...
इसी तरह दिन गुज़रते गए हिमानी सेलनियों को घुमाती, हरि किशन जी भी मंदिर जाते और कुछ थोड़ी बहुत ...
बहुत तेज बारिश हो रही थी तब ही एक शख्स ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहा था कोई है मुझे ...
दिन गुज़रते गए हंसराज जी और रजत ने मलिक ब्रदर्स के दिए गए कॉन्ट्रेक्ट पर काम करना शुरू कर ...
रसोई में हिमानी और उसकी माँ एक दूसरे के गले लगी हुयी थी की तभी वहा भव्या आ पहुंची ...
बाहर बरामदे में वैशाली जी हरी किशन जी बैठे बातें कर रहे थे तब ही भव्या वहा आती और ...
हिमानी हाथ में चाय की ट्रे पकडे भव्या के साथ बाहर आयी और नमस्ते करा सब को"लो आ गयी ...
आइये अब आपको ले चलते है इस धारावाहिक की नायिका की ज़िन्दगी की और पहाड़ो के बीच आइये जानते ...
दरवाज़े पर किसी की दस्तक होती है। घर का नौकर दरवाज़ा खोलता है और कहता है " सलाम साहब ...
अपने दोस्तों को इस तरह भीगा हुआ देख हंक्षित ने कहा ये क्या हाल बनाया है तुम लोगो ने ...