भाग 20 अचानक हवा का एक झोंका आया और दरवाजा खुल गया। बाहर भी अंधेरा था। रॉबर्ट ने देखा ...
भाग 19 मद्रास से वह जून के अंतिम सप्ताह 1856 को लौटा। रास्ते में सोचता रहा। अब पारो की ...
भाग 18 निज़ाम हैदराबाद ने बहुत बड़ी-बड़ी तांबे की चमचमाती थालियां भेजी थीं। यह सूर्य की रोशनी से गुफा ...
भाग 17 आज सभी दस बजे अजंता गुफाओं की ओर चले गए। रॉबर्ट तेज़ रफ्तार से घोड़े पर बैठकर ...
भाग 16 ‘‘जॉय, यह गिलास में रखा ब्लैक रोज़ कहां से आया?’’ उसने देखा कि एक ब्लैक रोज़ (काला ...
भाग 15 वापिसी में उसने देखा जयकिशन लालटेन हाथ में लिए खड़ा है। उसकी आँखों में आँसू अटके हैं। ...
भाग 14 रॉबर्ट महसूस करता है कि उसकी ज़िंदगी में घटनाएँ कितनी तेज़ी से हो रही थीं। वह आगे ...
भाग 13 दिन और महीने बीते। रॉबर्ट को कहीं नहीं जाना पड़ा। बर्मीज शांत थे। शायद 1826 के युद्ध ...
भाग 12 सेना के दफ्तर से एल्फिन ने दो पत्र रॉबर्ट को भिजवाए, जो उसके नाम आए थे। उसमें ...
भाग 11 वह टैरेन्स के लिखे पत्र में लीसा को तलाशता रहा था। क्या एक शब्द भी टैरेन्स उसके ...