कहानी "यात्रा मदारी सपेरे और साँप" में, शर्मा दिल्ली के प्लेटफॉर्म पर खड़ा है और उसे अपनी कॉलोनी की एक युवती नीलम दिखाई देती है, जो हरिद्वार जाने के लिए तैयार है। नीलम ने रिजर्वेशन नहीं कराया है और जनरल कोच में यात्रा करने का विचार किया है, जिससे शर्मा चिंतित हो जाता है। वह नीलम को सलाह देता है कि वह स्लीपर कोच का टिकट ले और ट्रेन के आने पर धक्का-मुक्की से बचने के लिए पीछे खड़ी रहे। शर्मा उसे आश्वासन देता है कि वह पहले जाकर उसके लिए जगह रोक लेगा। नीलम शर्मा की बात मानती है और उसके पीछे चलती है। कहानी इस प्रकार नीलम की यात्रा की तैयारी और शर्मा की चिंता को दर्शाती है।
यात्रा, मदारी, सँपेरे और साँप
BALRAM AGARWAL
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Four Stars
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विवरण
अभिजात्य वर्ग के कुछ लोगों में पसरे अस्पृश्यता के छद्म को निहायत खिलंदड़े अंदाज में उतारकर सामने रखती कहानी। इस कहानी का नायक शर्मा स्वयं सवर्ण होने के बावजूद ट्रेन की सीट पर फैलकर बैठे तिलकधारी पंडित-जैसे दिखने वाले व्यक्ति के प्रति लेशमात्र भी सहानुभूति नहीं रखता है और अपने साथ यात्रा कर रही दलित युवती को एकदम अनोखे अंदाज में बैठने के लिए सीट दिलाता है, वह रोमांचित भी करता है और प्रफुल्लित भी।
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