यह कहानी 'पांची' नामक एक महिला के बारे में है, जो एक गांव में आई थी और अपने अजीब व्यवहार के कारण सभी को परेशान करती थी। उसने बांस के डंडे पर अपनी पुरानी धोती लपेट कर अपना झंडा गाड़ दिया और पत्थरों से घिरकर बैठ गई। बच्चे उसे चिढ़ाते थे और उसने गांव में आतंक फैला दिया। लोग उससे डरने लगे और बच्चों को बाजार भेजना बंद कर दिया। हालांकि, पांची धीरे-धीरे सामान्य हो गई, लेकिन वह कभी-कभी गालियाँ देती थी और फुटपाथ पर या मंदिर के पास बैठकर भोजन मांगती थी। एक दिन, आध्यात्मिक मंडल ने उसे एक कंबल दिया, लेकिन वह उसे खो बैठी। कहानी का एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आता है जब एक व्यक्ति उसे दुकान पर देखता है और उससे पूछता है कि क्या वह हिसाब लगाना जानती है। पांची जवाब देती है कि वह पागल नहीं है, लेकिन फिर भी उसके पागलपन का नाटक करती है। यह सवाल उसके असली व्यक्तित्व को उजागर करता है और कहानी में गहराई लाता है।
सहोदर की कहानियां
Anand Gurjar
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Four Stars
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विवरण
कहानियां मनोरंजन के साथ साथ हमारा ज्ञानवर्धन भी करती है । इन कहानियों सामाजिक रूढ़ियों के प्रति विद्रोह के साथ मानवीय संवेदना को व्यक्त किया गया । - आनन्द सहोदर
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