राधिका, एक उच्च शिक्षित युवती, पांच साल की बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। उसने एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट में इंटरव्यू दिया और उसे सफलता मिली। डायरेक्टर ने उसे बधाई दी और नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। राधिका की खुशी छलक उठी, क्योंकि उसके परिवार की स्थिति बहुत खराब थी। डायरेक्टर ने बताया कि कई प्रतिभागियों में से राधिका सबसे अच्छी लगी, हालांकि कुछ लोगों ने उसके खाली समय के कारण विरोध किया। अंत में, राधिका ने नियुक्ति पत्र पढ़ते समय पाया कि उसे कभी-कभी शहर से बाहर जाना होगा, जिससे वह थोड़ी चौंकी।
स्वाभिमान - लघुकथा - 32
Pranjal Shrivastav द्वारा हिंदी लघुकथा
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विवरण
प्राइवेट इंस्टीट्यूट में इंटरव्यू के बाद राधिका को रुकने के लिए कहा गया था। पाँच सालों की बेरोजगारी और तंगहाली ने उच्च शिक्षित राधिका के आत्मविश्वास को हिला दिया था फिर भी उसने इस नौकरी में सफलता के लिए बहुत प्रयास किया था और इंटरव्यू में अपनी तरफ से बेहतर प्रदर्शन किया था।उसे हर हाल में यह नौकरी चाहिए थी।स्व.पिता की छोटी सी पेंशन से इस बढ़ती मँहगाई में वृद्ध माँ और छोटे भाई के साथ गुजारा कर पाना अब बिल्कुल संभव नहीं था।
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