मीतू ने अपनी दीदी से फोन पर कहा कि वह दो दिन के लिए उसके पास आना चाहती है। दीदी उस समय महाविद्यालय के कामों में व्यस्त थी और अपने पति के साथ समय बिताना चाहती थी। मीतू दीदी के घर आई और उसके आने पर घर में हरी सब्जियाँ और आटा देखकर दीदी ने समझ लिया। मीतू ने दीदी का स्वागत किया और चाय बनाने का प्रस्ताव रखा। दीदी ने मीतू की बनाई चाय और नमकीन मठरी का आनंद लिया, जिससे उसे माँ की याद आई। मीतू ने दीदी को एक साड़ी दी और उसे अपनापन महसूस हुआ। दीदी ने मीतू की मां की तरह स्नेह और मार्गदर्शन का जिक्र किया। मीतू के पति के आने से वह भी सज गई थी। दीदी ने अपनी मां से बात की और बताया कि उसने मीतू के बेटे के विवाह पर कोई शगुन नहीं दिया था। मीतू ने बिना किसी दिखावे के दीदी को उपहार दिया, जो उनके मधुर रिश्ते को दर्शाता है। यह कहानी सरलता और सच्चे रिश्तों की सुंदरता को उजागर करती है।
शुभसंकल्प
Amita Joshi
द्वारा
हिंदी महिला विशेष
Four Stars
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विवरण
"दीदी मैं दो दिन के लिए आपके पास रहने के लिए आना चाहती हूं",मीतू ने मुझसे फोन पर कहा ।उन दिनों मैं महाविद्यालय के कार्यों में कुछ अधिक व्यस्त थी और घर पर सुबह शाम कुछ समय अपने पति के साथ गुजारना पसंद करती थी या यूं कहूं अपने जीवन की सांध्य बेला में आए इस नए पात्र को पढ़ने और समझने के लिए कुछ एकांत पल चाहती थी ।"मीतू आ जाना,आजकल मैं इनके साथ ही रह रही हूं। मम्मी पापा अभी इलाज के लिए दिल्ली रुक गए हैं",ऐसा बोलकर मुझे लगा शायद वो अब मम्मी के लौटने के बाद
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