आत्मव्यक्ति - काव्य संग्रह Abhaya Sinha द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें आत्मव्यक्ति - काव्य संग्रह Aatmvyakti - kavya sangrah book and story is written by Abhaya Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aatmvyakti - kavya sangrah is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आत्मव्यक्ति - काव्य संग्रह Abhaya Sinha द्वारा हिंदी कविता 1.1k 4k फुटानी बाबुजी के दलानी में का उ फुटानी रहे बाबुजी के दलानी में,भर हीक खाई के, फटफटिया घुमाई के।यारन सभे आगे पीछे, गौगल चमकाई के,मोबाईल से सेल्फी लेवे गुटखा दबाई के। का उ फुटानी..... बितल उमरिया आईल दोपहरीया,एके ...और पढ़ेचार भइनी घिरनी जिंदगानी में।अबहीं याद आबता उ बाबूजी के,कईसन हाल रहे बाबुजी के दलानी में।राते-टदने देहीया गलइलन,हमनी के जिंदगी सवारे में।चार कोस नापत रहन अठ्ठनी बचावे में,हमनी मौज कइनी फटफटीया घुमावे में।अब का होई उ टदनवा भुनावे में,खेतबा त चर गईल देहिया चमका कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें आत्मव्यक्ति - काव्य संग्रह अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी