Nafrat ka chabuk prem ki poshak - 18 - Last Part book and story is written by Sunita Bishnolia in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Nafrat ka chabuk prem ki poshak - 18 - Last Part is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नफरत का चाबुक प्रेम की पोशाक - 18 - अंतिम भाग
Sunita Bishnolia
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
Four Stars
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विवरण
बीमारी के कारण फिरदौस की फूफी का भी इंतकाल हो गया था इसलिए अब उनकी बहुएं यानी मेरी ननदें भी हमारे पास मिलने आने लगीं। इस बात का फिरदौसा को पता चला तो उसने बहुत बखेड़ा खड़ा कर दिया। अब सब कुछ ठीक था पर फिरदौस के इरादों से डरकर मैं और अम्मी यहाँ अजमेर आ गए। ये घर राशिद के नाना का है। अम्मी के अलावा उनका और कोई नही था। इसलिए उन्होंने ये घर अम्मी को दिया और अम्मी ने मुझे। हम जोधपुर से अजमेर इसी घोड़ा गाड़ी में आए थे। सफर लम्बा था और डरावना था। हमने
पूरे मोहल्ले में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था जो 'म्माली' काकी को जानता नहीं था या उनसे बातचीत नहीं थी। मैं समझने लगी तब उनकी उम्र पचास -पचपन की रह...
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