Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status
Rushil Dodiya
जो तुझे जानता न हो
उस से तेरा नाम पूछना
ये मुझे क्या हो गया ?
- गुलज़ार
Rushil Dodiya
जहां तेरी एडी से धूप उड़ा करती थी
सुना है उस चौखट पे अब शाम रहा करती है
- गुलज़ार
सीमा कपूर
बचपन अच्छा था..
कम से कम सच्चा था..
बस हा और ना/
बहस और झगड़े से दूर था!
- सीमा कपूर
Sejal Raval
#લાગણીઓની સફરે
સેજલ રાવલ
Saliil Upadhyay
https://www.youtube.com/watch?v=IrmgdamWBhs
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Bhavna Bhatt
જય ચેહર મા 🙏
S A Y R I K I N G
मैं पूजता हूँ अपने इश्क़ को, दीये की तरह जलना तो लाजिमी हैं मेरा...
मेरा इश्क़ ही, मेरी इबादत है..... (जिसमें मैं खुद जल कर उसे रोशनी देता हूं और अपने तले अंधेरा रखता हूं)
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
तमाम उम्र का हासिल था जो, वो
हार आए हम,
तेरी इक मुस्कुराहट पर ख़ुद को
वार आए हम,
━❥
लकीरें हाथ की, मिटती गईं
सजदों में तेरे,
मगर हर ज़ख्म को अपना ही
साज़-ओ-सिंगार आए हम,
━❥
ये दुनिया माँगती है रोशनी अपनी
चरागों से,
मगर आँखों का सारा नूर, तुम पे
वार आए हम,
━❥
सुना था! इश्क़ में अक्सर सँवर
जाते हैं दीवाने,
मगर इस खेल में पाकर भी सब
कुछ हार आए हम,
━❥
कहाँ तक ढूँढती ये तिश्नगी
साहिल के नज़ारे,
तेरी आँखों के दरिया में उतर
उस पार आए हम…🔥
╭─❀💔༻
╨──────────━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
╨──────────━❥
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
सुकून की चाह में अब, दर-बदर
नहीं फिरता,
बिखर गया हूँ मगर टूट कर नहीं
गिरता,
━❥
जो उलझने सताती थीं कभी
अब हमनवा हैं मेरी,
कि इनके बगैर अब, मेरा गुज़ारा
नहीं होता…🔥
╭─❀💔༻
╨──────────━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
╨──────────━❥
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
वही है बेकली मेरी वही बेचैनियाँ
मेरी,
मुकम्मल हो गई अब तो, ये
वीरानियाँ मेरी,
━❥
तसल्ली हार मान कर किनारे बैठ
गई है अब,
सुकून देने लगी हैं मुझको, ये
हैरानियाँ मेरी…🔥
╭─❀💔༻
╨──────────━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
╨──────────━❥
kattupaya s
My novel yadhumatra peruveli part 16 will be published on 27/12/25@11am.good night friends. thank you
Deepak Bundela Arymoulik
-आदमी आदमी के बगैर
आदमी आदमी के बगैर
अधूरा सा रह जाता है,
जैसे बिना दीप बाती
अंधेरा मुस्काता है।
कदम बढ़ते हैं तो साथ चाहिए,
सपनों को भी हाथ चाहिए,
एक हाथ से जीवन चलता नहीं,
हर मंज़िल को साथ चाहिए।
किसान की मेहनत, मज़दूर का पसीना,
शिक्षक का ज्ञान, माँ की करुणा,
हर रिश्ता, हर श्रम, हर भावना
आदमी से आदमी की साधना।
कोई राजा हो या हो फकीर,
सबकी राहें जुड़ी हुई हैं,
बगैर आदमी के आदमी की
तक़दीरें टूटी हुई हैं।
इसलिए न घमंड, न दूरी रख,
इंसान से इंसान जुड़ा रह,
क्योंकि इस दुनिया की सबसे बड़ी
पूँजी — आदमी का आदमी है।
आर्यमौलिक
Jatin Tyagi
ठिठुरती दीवारों में जलता था विश्वास,
नन्हे हृदय में था धर्म का उजास।
उम्र छोटी थी, पर साहस विराट,
इतिहास झुका, देख उनका प्रताप।। 1
ज़ोरावर की आँखों में सत्य की ज्योति,
फतेह की वाणी में वाहेगुरु की मोती।
ना झुके, ना डरे, ना मांगी शरण,
आस्था ही थी उनका सबसे बड़ा वरण।। 2
ईंटों में चुनी गई उनकी साँसें,
पर डिगीं नहीं आत्मा की आशाएँ।
मृत्यु भी ठिठकी उस क्षण अपार,
जब बाल हृदय बने धर्म की दीवार।। 3
मैं स्वयं से पूछता हूँ, इस युग में आज,
कहाँ खो गया वो तेज, वो नैतिक साज?
सुविधा के आगे झुकता हर विचार,
और बच्चों ने समझा दिया जीवन का सार।। 4
हे समाज, रखो उन साहिबज़ादों को स्मरण,
जिनका बलिदान सिखाता प्रेम, सत्य और चरण।
धर्म शब्द नहीं— चरित्र का प्रकाश है यही,
वीर बालों से सीखो— निर्भीक प्रेम ही सच्ची रही।। 5
— जतिन त्यागी (राष्ट्रदीप)
InkImagination
Good night friends 🌌🌃
Rushil Dodiya
जे हम तुम चोरी से
बंधे इक डोरी से
जइयो कहां ए हजूर..
- मजरूह
Saurya
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को K-4 पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल की सफल उपलब्धि पर देश की ओर से हार्दिक बधाई। यह सफलता भारत की स्वदेशी वैज्ञानिक क्षमता, तकनीकी उत्कृष्टता और मजबूत रक्षा सामर्थ्य का सशक्त प्रमाण है।
K-4 मिसाइल भारत की विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता को और अधिक सुदृढ़ करती है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को नई मजबूती प्रदान करती है। DRDO के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों एवं इससे जुड़े सभी कर्मियों के अथक परिश्रम, समर्पण और राष्ट्रप्रेम को नमन।
यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भारत को वैश्विक स्तर पर एक सशक्त एवं सुरक्षित राष्ट्र के रूप में स्थापित करती है।
देश को आप पर गर्व है।
जय हिंद 🇮🇳
yeash shah
मंगल दोष : क्या सही क्या गलत।
जब लड़का और लड़की की शादी की बात होती है, तो मंगल दोष के नाम पर लोग ज्योतिषी के पास जाते है, ज्योतिष शास्त्र के जानकार से अक्सर यह सुनने को मिलता है” मंगल भारी है” , “पगड़ी पर मंगल है,” , “चुनरी पर मंगल है”, “ आंशिक मंगल दोष है”। और इनके निवारण के लिए कभी कभी पेड़ या घड़े से शादी करवाई जाती है, हनुमानजी को चोला चढ़ाना और हनुमान चालीसा का पाठ करने की सलाह दी जाती है, कभी केसरिया गणपति की पूजा करवाई जाती है। ज्योतिषी अक्सर यह कहते है, कि मंगल दोष का निवारण २८ वर्ष की आयु के बाद स्वयं हो जाता है, पर कभी भी जातक या उसके माता पिता को यह नहीं बताते कि मंगल दोष कैसे बनता है, या ऐसा कुछ होता भी है या नहीं।
पहले पारंपरिक मान्यता देखते है। किसी की भी कुंडली में १,४,७,८,१२ घर में मंगल हो, तो मंगल दोष कहा जाता है, यदि इन घरों में गुरु से दृष्ट हो तो आंशिक मंगल दोष कहा जाता है। और यह भी मान्यता है, की गुरु से दृष्ट हो कर मंगल दोष नष्ट हो जाता है। कुछ लोग २ और १० वे घर में भी मंगल दोष मानते है, और यह कहा जाता है, की अगर वर को मंगल दोष हो, तो वधू की कुंडली में १,४,७,८,१२ वे घर में शनि होना चाहिए, क्योंकि शनि मंगल को शांत करता है।
अब व्यहवारिक दृष्टि से देखे, आप सोचिए, कुंडली के १२ घर होते है, उसमें से ५ घरों में मंगल दोष कहा है , यानी कि दुनिया के ४२% लोग मांगलिक है, यानी कि विश्व की अंदाजित जन संख्या ८०० करोड़ है, तो ३३६ करोड़ लोग मांगलिक है। इस तर्क से यह साबित होता है, की मंगल दोष के नाम पर जो भी डर या वहम फैलाया है, वह लोगों के अज्ञान से बढ़ा हुआ है।
ज्योतिष में मंगल को प्राकृतिक आवेग जैसे क्रोध और सेक्स का कारक कहा गया है, यह पौरुष और काम इच्छा में वृद्धि को दर्शाता है, “मंगल दोष” यानी व्यक्ति में क्रोध और काम वृत्ति की अधिकता ,ऐसा भी कहा जाता है। अब अपने आवेग को शांत करना या न करना व्यक्ति और उसकी इच्छा पर निर्भर करता है, अगर दांपत्य में तालमेल और प्रेम हो, तो कभी समस्या नहीं होगी। साथी अगर समझदार हो,तो कोई परेशानी नहीं होती। अब रही पूजा पाठ की बात, तो पूजा पाठ हमेशा श्रद्धा और विश्वास से करना चाहिए, किसी दोष या वहम की शांति के लिए भय पूर्वक पूजा करवाने से मन को थोड़े वक्त के लिए राहत मिलती है, इस लिए अंधश्रद्धा से मुक्त हो कर उचित ज्ञान प्राप्त करे।
इस बात पर दूसरे का दृष्टिकोण भिन्न हो सकता है, सभी के मत का स्वागत है।
Nilesh Rajput
इश्क़ और खुदा एक जैसे हैं,
मानो तो हैं… वरना सब बकवास।
vikram kori
।।अधूरा सा वादा।।
वह हर सुबह उसी बस स्टॉप पर मिलती थी,
हाथ में किताब और आँखों में गहरी खामोशी।
मैं कभी हिम्मत नहीं जुटा पाया
कि उससे अपने दिल की बात कह सकूँ,
बस रोज़ उसी सीट पर बैठकर
उसके आने का इंतज़ार करता रहा।
एक दिन वह नहीं आई।
न अगले दिन, न उसके बाद कभी।
बस उसकी कही एक बात याद रह गई—
“कुछ रिश्ते कहे बिना ही पूरे हो जाते हैं।”
आज भी मैं उसी बस स्टॉप पर खड़ा होता हूँ,
शायद इस उम्मीद में नहीं कि वह लौट आए…
बल्कि इस डर में कि
मेरी अधूरी मोहब्बत
कहीं पूरी न हो जाए।
Vikram kori..
Shailesh Joshi
પહેલાંના સમયમાં નાના મોટા હજારો કામ કરતા,
અને બે ચાર જરૂરી જાણકારી મેળવતાં, અને અત્યારે.....પરાણે બે ચાર કામ પણ નથી કરતા, અને એ પણ વેઠ ઉતારતા હોઈએ, નેહાકા નાખતા હોઈએ, કે પછી ચાલે એમ નથી એટલે કરીએ છીએ, ને સામે જાણકારીઓ, અધધધ, વાત જ ન પૂછો પછી એ જાણકારી ભલે આપણા કામની હોય, કે ન હોય, પણ દાડો તો એમાં જ પૂરો કરવાનો, અને કદાચ...જીંદગી પણ🙏
Shailesh Joshi
Priya
फर्क नहीं पड़ता जमाने ने हमें क्या समझा
बस जिससे उम्मीद थी
उसी ने हमें गलत समझा।
वो गाता रहा महफ़िलों में
तुम्हारे हैं ये चांद सितारे
देने को मांगा तो वो लौटा ना सका
कुछ सिक्के भी हमारे
PRIYA...✍️
srishti tiwari
बालक बलिदानी
इक ओर औरंग का दंभ ।
ते दुजी ओर औ नन्हे साहबजादा दा गुरुर था ।
इक ओर गज़वा ए हिन्द का झूठा सपना।
ते दुजी ओर अपने देश ते धरम नू बचौण दा सुरूर था।
इक ओर औ हिन्दुस्तान दा बादशाह जिस ते ओदी औलाद वी नफरत करदी ।
ते दुजी ओर जेडै बलिदान नू अज दुनिया ने मनया।
इक ओर औ नृशंस हत्यारा जिणे हिंदूआ ते सिक्खां नू चुन चुन कर मारया।
ते दुजी ओर औ नन्हे दो बच्चे जिणै ओते वी लोहा मनवाया
इक ओर औ बूढ़ा बकरी चोर ।
ते दुजी ओर औ नन्हे वीर जिणदे दुध दे दांत वी न टुट्या।
खड़े इस बार आमने-सामने डाल इक दूजे दी आंखां च आंखां।
तद बोले औरंग नू तौड्डे मज़हब नू तू ही राखा ।
अस्सी ते है गुरु गोविंद सिंह जी दे पुत्तर ।
जे दे इक इक सिक्ख दे लक्खां ने कुतर।
ए सुण औरंग बोला दोनों ने दीवार में दो चुनवा ।
पर साड्डे शेरां दी हिम्मत नू न पाया ओ झुकवा ।
शहीद हुए ओ वीर हकीकत में थे बचपन दे हकदार।
जी उमर च बच्चे न सीखदे खुद दा करम औ उमर च औ बण गए वतन दे वफादार।
सुना दी ए ‘शान' त्वानू शान ते उन दोनों बालकों दी कहानी।
जै थे हिंद दे बालक बलिदानी।
सृष्टि तिवारी शान
Arun V Deshpande
जिंदगी
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ना समझो दिल्लगी जिंदगी को जीना
आये दुनिया मे, खुशी से जिंदगी जीना ।
नही है भरोसा इस जिंदगी का
डर हमेशा इंसान के मन मे मौत का ।
है अपनी यह जिंदगी दो सुरो की
एक सूर है जीवन का तो दुसरा मौत का ।
पल पल को कैसे जिये सिखाये जिंदगी
इंसानियत जो जिये वही सही जिंदगी ।
देश के लिये हो निछावर हो जो जिंदगी
मौत भी है नाज जो जिये ऐसी जिंदगी ।।
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कविता- जिंदगी
कवी- अरुण वी. देशपांडे
पुणे ( महाराष्ट्र )
9850177342
Soni shakya
वो मोड़ आज भी वही खड़ा है..
जहां सपने अधूरे रह गये थे..
शहर अपना ही था..
पर लोग धीरे-धीरे पराये हो गये थे..
- Soni shakya
Soni shakya
*जो भी किया दिल की गहराई से किया
इश्क राधा सा और इंतजार मीरा सा किया *
- Soni shakya
Parmar Mayur
जब पर्वत छोटे होने लगें और मूर्तियां बड़ी बड़ी बनने लगे।
थोड़ा दिल से नहीं
दिमाग़ से सोचना होगा।
खेतों की पराली जलने से हवा में जहर फेले,
कंपनियों के धूएं से देश विकास करने लगेगा।
दिल से नहीं,
थोड़ा दिमाग से सोचना होगा।
ख़ुदा बेबस बंदों पर जूल्म हो रहा हो फिर भी कुछ ना कहे,
बस ईशनिंदा से किसी को जिंदा जलाने से खूश होगा ख़ुदा?
थोड़ा दिल से नहीं
दिमाग से सोचना होगा
मीठे दो लफ्जों से वाह वाह बोलती भीड़ को देखा है।
सच्चे लफ्ज़ को करे अनदेखा तो सोचना होगा।
थोड़ा दिल से नहीं,
मुझे दिमाग से सोचना होगा।
Dada Bhagwan
संसार का दोष नहीं है, संसार तो अच्छा है। आपकी समझ उल्टी है उसमें संसार क्या करे? - दादा भगवान
अधिक जानकारी के लिए: https://dbf.adalaj.org/1xqL2Oko
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Paagla
साथ निभाने वाला हाथ होना चाहिए,
सफ़र कितना भी लंबा हो, कट जाता है।
Amir Ali Daredia
કંઈક તો છે મારા મા પણ.જેથી એ મોહી પડ્યા
મારા હોઠો પર હોઠ એણે અમથા નથી જડ્યા.
Shraddha Panchal
ये बहुत हसने वाले लोग,
जब भी भगवान ने बात करते है ना !
तो रो पड़ते है 😊😃🙏
Gajendra Kudmate
वह पल बड़ा तकलीफ भरा होता है
जब लफ़्ज भी ना हो कहने के लिये
जीने की बात तो छोड़िए साहब
जब वजह भी ना हो मरने के लिये
गजेंद्र
Saurya
ज्योति याराजी को हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद
प्रिय ज्योति याराजी जी,
आपकी शानदार उपलब्धियों और अथक परिश्रम के लिए आपको हृदय से बधाई। आपने अपनी मेहनत, अनुशासन और दृढ़ संकल्प से भारतीय खेल जगत का मान बढ़ाया है।
देश को आप पर गर्व है। आपकी सफलता न केवल पदक तक सीमित है, बल्कि आप लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। अपने जुनून, आत्मविश्वास और संघर्ष से आपने यह सिद्ध कर दिया कि कड़ी मेहनत से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
राष्ट्र की ओर से आपको हार्दिक धन्यवाद। भविष्य में और भी ऊँचाइयाँ छूने के लिए शुभकामनाएँ।
जय हिंद 🇮🇳
Shailesh Joshi
પ્રેમપ્રશ્ન - પ્રેમનું મુખ્ય કામ કયું ?
પ્રેમથી ઉત્તર - એજ કે
એકબીજાની ખામીઓ ઢાંકવી, સુધારવી કે પછી
એકપણ ફરિયાદ વગર
ચલાવી લેવી.
- Shailesh Joshi
Saliil Upadhyay
કોઈ પાસે હાથ લાંબો કર્યા વગર જ્યારે તમારા કામ પુરા થતા હોય ત્યારે સમજી લેજો કોઈ અદ્રશ્ય શક્તિ તમારૂં રક્ષણ કરી રહી છે અથવા પૂર્વજોના આશીર્વાદ સાથે ઈશ્વર કૃપા તમારા ઉપર વરસી રહી છે...!
Awantika Palewale
आरंभ प्रणय का हुआ है, हवाओं ने भी रंग पकड़ा है,
ख़ामोशी ने ओढ़ ली बातें, दिल आज खुलकर धड़का है।
आँखों में उतरा है सपना, पलकों ने सच को पहचाना,
तेरी एक हल्की-सी नज़र ने मेरा हर लम्हा बदला है।
अब तक हाथों ने छुआ नहीं, बात अधूरी ही ठहरी है,
फिर भी तेरी मौजूदगी ने साँसों को उत्सव बख़्शा है।
राहें नई हैं, रातें महकी, चाँद भी गवाह बना,
तेरे नाम के दीपक से अँधेरा खुद ही पिघला है।
कहते हैं इश्क़ में दर्द भी हर क़दम साथ चलता है,
पर इस दर्द की हर आहट में कोई मीठा मतलब छुपा है।
khwahishh
अब आंखेँ भी बरसने से इंकार कर रही है।
कोई नई सुबह देखने का इंतजार कर रही है।
ये हवा ये बादल ये फिजा क्यों नहीं मिलती है,
एक दूसरे से इसकी बजह तलाश कर रही है।
ये धड़कने नये मौसम का एतबार कर रही हैं।
- khwahishh
Jyoti Gupta
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khwahishh
भीगी पलकें बादलो से न बरसने की बजह पूंछती है।
कब लोटेंगी बो बहारे पतझड़ से होके गुजरती हवाएं पूंछती है।
गुल से गुलिश्तां तक के सफर की जो दास्तां जमाने भर में मशहूर थी।
नजर आ जाए कोई पुराना नजारा तरसती निगाहों की है गुजरी बहारों से,
बो कब दोहराई जाएंगी कहानियां ये फिजा पूंछती है।
- khwahishh
khwahishh
आसमान नए नजारे ढूंढने निकला है।
बिच समंदर में किनारे ढूंढने को निकला है।
जिस बंजर जमी पे एक सूखा पत्ता नहीं बचा,
उस जमी पे नई बहारे ढूंढे निकला है।
कल तक थी लगी रोनके जिन चोबारों पे,
आज देखो बो चोराहे बने दिखते है।
कोई समझाओ इस बाबरे आसमान को,
ये शहर की पक्की सड़कों पर पुराने गलियारे ढूंढ़ने निकला है।
- khwahishh
Nilesh Rajput
आजाद कर , या बर्बाद कर,
यू खफा रह के, वक्त जाया ना कर।
किस्मतो में ना सही, सपनो में मिला कर,
दो चार मुलाकातों की लकीरों को यू मिटाया ना कर।
यादों की महेफीलो में मुझे बुलाया ना कर,
मेरे दर्द की आवाज को यू सरेआम सुनाया ना कर।
तू जानती है मेरी हर दुआ में तू शामिल है,
पर उस दुआ के बदले यू बददुआ दिया ना कर।
माना साथ छोड़ दिया यू जूठे कसमें खाया ना कर,
अगर ना मिले मुजसा आशिक मिल के मुझे अब सताया ना कर,
सोया हूं मैं कफन में, यू धड़कन सुना के मुझे जगाया ना कर,
बेशकीमती है तुम्हारे आंसू यू गिराके मुझे कर्जदार बनाया ना कर।
हाथ पकड़ना तेरी आदत है,
साथ छोड़ना तेरी फितरत,
तू बन भी जा अगर बेवफा,
मैं करता रहूंगा तुजसे महोब्बत।
Gautam Patel
બીરબલ
અકબરના દરબારમાં નવરત્નો (૧) બીરબલ (૨)
રાજા માનસિંહ, (૩)
રાજા ટોડરમલ, (૪)
અબુલ ફઝલ, (૫)
ફૈઝી, (૬) તાનસેન,
(૭) ખાન ખાનાન,
(૮) હકીમ હુમામ
અને (૯) મુલ્લા દો
પિયાઝા હતા. સૌથી
વધુ બીરબલ પંકાયો, જે
હાજરજવાબી ઉપરાંત
હોશિયાર સેનાપતિ
પણ હતો. બીર એટલે
મગજ અને બલ
એટલે શક્તિ, માટે
બુદ્ધિચાતુર્યને કારણે તે
બીરબલ’ નામ પામ્યો
હતો. મધ્ય પ્રદેશના બ્રહ્મભટ્ટ અર્થાત્ બારોટ પિરવારમાં ૧૫૨૮
દરમ્યાન જન્મેલા બીરબલનું મૂળ નામ મહેશદાસ હતું. શિવદાસ તરીકે પણ તે ઓળખાતો હતો. (શિવ = મહેશ). હિંદી, ફારસી અને સંસ્કૃત ભાષા પર તેનું અદ્ભુત પ્રભુત્વ હતું. સેનાપતિની ભૂમિકામાં તે ઘણાં યુદ્ધો ખેલ્યો, માટે અકબરે તેને નગરકોટનું રાજ્ય આપી રાજાનો ખિતાબ એનાયત કર્યો હતો. ૧૫૮૬માં યુદ્ધમોરચે જ અફઘાનોના હાથે તે માર્યો ગયો.
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Parmar Mayur
मूर्तियां के लिए लड़ती प्रजा पर्वत तुटे तो चुप है,
मूर्ति हंसकर ए कहे, पर्वत का ही तो में अंश हूं।
- Parmar Mayur
Saurya
संघर्ष से भागने वाले
इतिहास नहीं बनाते।
Parag gandhi
*સારા માણસની મૈત્રી ઉત્તમ*
*ગ્રંથની સુંદરતા જેવી છે,*
*જેમ તેનો ઊંડો અભ્યાસ કરીએ,*
*તેમ તેમાંથી વધુ ને વધુ આનંદ આપે છે...*
*શુભ સવાર...☕*
Parag gandhi
*સારા માણસની મૈત્રી ઉત્તમ*
*ગ્રંથની સુંદરતા જેવી છે,*
*જેમ તેનો ઊંડો અભ્યાસ કરીએ,*
*તેમ તેમાંથી વધુ ને વધુ આનંદ આપે છે...*
*શુભ સવાર...☕*
Shailesh Joshi
વ્યવસાયે, આવડતે અને અનુભવે
ભલે "એકબીજાથી" આગળ, હોઈએ કે પાછળ
પરંતુ વાણી વર્તન અને વિચારોથી રહીએ "એકબીજા"ની
સમાંતર
- Shailesh Joshi
kajal jha
"ज़िंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है,
ज़िंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी हैं,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीन हमने,
अभी तो सारा आसमान बाकी है।"
- kajal jha
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
तक़दीर
जिस को भी चाहा हमारा ना हो सका l
उम्र भर के लिए सहारा ना हो सका ll
होंटों पे मोहब्बत के फ़साने आये थे कि l
हँसना किस्मत को गवारा ना हो सका ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
संजय कुमार दवे
हर हर महादेव 🙏🚩
Raa
chalo break fast ke liye ready he .
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
नदी आत्मा, सत्य जल, पुण्य कर्म ज्यों तीर्थ। महापुरुष गाहन करें, समझ इन्हें हरितीर्थ।।
दोहा --370
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'
महेश रौतेला
पहले तुम मेरे पते पर रहते थे
अब नहीं हो,
लोग कहते हैं
अब भगवान के पते पर रहते हो,
और मैं तब से चुपचाप सोच रहा हूँ-
कि उनसे क्या पूछना!
*** महेश रौतेला
બદનામ રાજા
સંબંધ માં ઘાયલ થયેલ વ્યક્તિ સોશિયલ મીડિયા માં "ઉડતાતીર" છૂટાં મારે છે...
🤣🤣🤣
Akshay Tiwari
some stories.......
Today I’m leaving this writing platform.
It has been a beautiful journey full of words, emotions, and learning.
I truly enjoyed every moment here and I’m grateful to everyone who supported, read, and encouraged my writing.
Thank you all from the bottom of my heart.
God bless you all.
Akshay Tiwari
Why ???????
Sometimes people judge too early,
before knowing the person,
before talking .....
But I know,
you have a kind heart,
even if the world hasn’t taken the time
to see it yet.
Dear stranger,
special one,
not every soul is meant to hurt,
not every presence carries harm.
Some people arrive quietly,
with soft intentions
and honest eyes,
asking only to be understood.
Every person is not bad,
some are just waiting
for someone
who believes in their goodness.
And today,
even without knowing you fully,
I choose to believe
in yours......
Vivek Ranjan Shrivastava
If Santa Could Truly Distribute Happiness
Vivek Ranjan Shrivastava
Santa in the red cap arrived a little late this time. Perhaps even he now has to stand in long queues at petrol pumps for his reindeer, and the moment he leaves the North Pole, he has to get his Fastag recharged at toll plazas. The old tradition of slipping down chimneys frightens him now, because below him stay awake the eyes of CCTV cameras, and on the wall shines the warning that you are under surveillance. In such a situation, any sensible Santa finds it safer to ring the doorbell and quietly leave. We remain asleep, Santa walks away with his gifts, and perhaps that is why, to fool ourselves with a few moments of artificial happiness, we ourselves wrap gifts and place them under our fake Christmas trees.
The world of children has also changed. Now they want data packs more than chocolates, so that they can live-track their gifts and pray that the signal does not drop while Santa is on the way. Adults have gone even further. They have bought their Christmas trees on EMI, and the lights blinking on them look like stock-market graphs, sometimes rising, sometimes falling, and with every flicker the heart skips a beat, wondering whether the next installment will be paid on time.
On Santa’s sleigh, advertisements now run more than magic. Multinational company logos are pasted on his red clothes as if they have become his new Aadhaar identity. He no longer opens a sack, he swipes cards, and in many places directly transfers money into bank accounts so that along with people’s faith, their votes and support also remain secure. In poor settlements, on the very day Santa arrives, the electricity goes off. Darkness itself becomes their gift wrapper, and children think perhaps this is the new kind of packaging.
Leaders around the world also become Santa several times a year. Sweet voices, red ties, and sacks full of promises but empty inside. Someone promises peace, someone shows dreams of reforms, but their reindeer graze in fields where nothing has been left anymore. Their sleigh bells keep ringing, and the public keeps sliding lower and lower on the slippery ice of hope.
Santa is now troubled by global warming. The snow is melting and his territory is shrinking. Perhaps that is why he has started spending more time in the stock market than at the North Pole. He now slides down not snowy slopes but falling share prices and gets stuck in the chimneys of trust. Gold prices are rising, Santa cannot even sleep, yet staying awake is difficult.
The real question is not whether Santa will come or not. The real question is why we still wait for some Santa or saint to perform miracles for every problem. Do we really need a man in a magical cap to reduce our inflation, pack away our unemployment, and wrap our responsibilities in gift paper. Or do we need that self-confidence which reminds us that there is no shortcut to hard work.
Because Santa’s job was not to provide comforts, but to inspire. He showed the path and left the responsibility of choosing the destination to us. But we became so used to looking towards Santa in every difficulty that we forgot that in reality we ourselves wrap the gifts and place them under our own trees. Children can be entertained for a while, but the dark alleys of life cannot be lit forever by artificial glitter.
And even if Santa returns, he would probably smile and say that he is only a symbol. Happiness, peace, equality, and lasting relief have to be created by you yourselves. I can only ring the bell for you, you have to walk the road yourself.
The real takeaway of this satire is to give up the habit of waiting, to cultivate the courage to ask questions, to remove the wrapping of promises and see the truth, and to pull the sleigh of your own world yourself, because in today’s times, not Santa, but awareness itself is the greatest gift
Sweta Pandey
आसमां में चांद, धरती पर उजाला ...
इस तरह का है, तो बेहतर फ़ासला है ।
- Sweta Pandey
shabdh skhi
दिसंबर तो यू ही बदनाम है,,
छोड़ने वाले महीना नहीं मौक़ा
देखते है ......
Nabiya Khan
एक ख़ूबसूरत शाम का एहसास
शाम…
दिन और रात के दरमियान ठहरने वाला वो नाज़ुक सा वक़्त,
जब सूरज अलविदा कहता है और चाँद आने की आहट देता है।
इस वक़्त फिज़ा में एक अजीब सी ख़ामोशी होती है,
जो दिल के हर कोने को सुकून से भर देती है।
ढलती हुई शाम में आसमान गुलाबी और सुनहरी लिबास ओढ़ लेता है।
हवा में घुली होती है यादों की खुशबू,
और दिल बेइख़्तियार किसी अपने को याद कर बैठता है।
ये शाम जैसे कहती है—
थोड़ा ठहरो, थोड़ा महसूस करो,
ज़िंदगी सिर्फ़ दौड़ का नाम नहीं।
चाय की चुस्की, बालकनी की रेलिंग,
और सामने फैला हुआ आसमान…
इस पल में फ़िक्रें भी हल्की लगने लगती हैं।
शाम हमें सिखाती है कि
हर ढलते सूरज के बाद भी
नई रौशनी का यक़ीन ज़िंदा रहता है।
यही तो है एक ख़ूबसूरत शाम—
जो थके हुए दिल को उम्मीद,
और उलझी हुई रूह को सुकून दे जाती है।
Bhavna Bhatt
મજાકીય જીતેશભાઇ...I miss you bhai
આશુતોષ
(इत्तफाक तो देखे)
उन्हे ढलता हुआ सूरज पसंद है,
और हमे उभरता हुआ चांद.
- આશુતોષ
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
™••..✍️
सौदा बड़ा महँगा पड़ा उसकी झूठी
मोहब्बत का,
जिसे मरहम समझा था वही सबसे
गहरा ज़ख्म निकला,,🔥
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==༆☆🇶ⁱʰˢɐ∀ ᭄==
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ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
™••..✍️
बदलते हुए वक़्त का इतना मलाल
न था हमें,
हमने तो खुद को हर हाल में ढाल
लिया था,
पर टूट गए हम उस मोड़ पर आकर
ज़ालिम,
जहाँ किसी अपने ने ही गैरों का
लिबास पहन लिया था,,🔥
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==༆☆🇶ⁱʰˢɐ∀ ᭄==
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ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
वक़्त की दहलीज पर खड़ा, आज भी
वहीं देखता हूँ,
जहाँ हाथ छूटा था तेरा, मैं आज भी
वहीं ठहरता हूँ,
लोग कहते हैं कि वक़्त हर ज़ख्म भर
देता है,
मगर मैं तो हर गुजरते दिन के साथ
तुझे और गहरा महसूस करता हूँ,
तुम तो मुड़ गए अपनी नई दुनिया की
रौशनी की तरफ,
पर मेरी शामें आज भी तेरे जिक्र की
मोहताज हैं,
वो जो हंसी हम बांटते थे कभी
बेपरवाह होकर,
अब वो बस मेरे तकिये के नीचे दबे
कुछ राज हैं,
कभी-कभी सोचता हूँ कि क्या तुझे
भी हिचकियाँ आती हैं.?
क्या मेरी यादें कभी तेरी नींदों में
खलल डालती हैं.?
या तूने वाकई मुझे किसी पुराने ख़त
की तरह जला दिया,
और अब मेरी परछाइयाँ भी, तुझे
नहीं पहचानती हैं.?
अजीब कशमकश है__तुझे पाने की
हिम्मत नहीं रही,
और तुझे भूल जाने का हौसला, ये
दिल जुटा नहीं पाता,
तू खुश है अपने हाल में शायद यही
तसल्ली है मेरी,
पर ये कमबख्त दिल है कि अपनी
बर्बादी का जश्न मना नहीं पाता,
कभी सोचा न था कि ये ख़ामोशी
इतनी शोर करेगी,
कि तेरे बिना मेरी हर साँस एक बोझ
बनकर रह जाएगी…🔥
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
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S A Y R I K I N G
कुछ देर और हाथ मिलाते तो क्या जाता तुम्हे तो जाना ही था, कुछ देर रुक जाते तो क्या जाता
GIRLy Quotes
https://www.instagram.com/reel/DSdckrNkyXA/?igsh=eHNwbGIxbmp5NTA3
Aaliya khan
order karo
Aur apna style upgrade karo ✨ Dm on order https://wa.me/c/918817455844
Archana Singh
" आज के समय में
कुछ भी फ्री नहीं मिलता ...
ना पानी , ना हवा , ना मिट्टी ...
बस एक चीज फ्री हैं ...
वो हैं " निंदा "...!!
अर्चना सिंह ✍🏻
- Archana Singh
Raushan kumar
बात बात पर आंसू क्यूँ आ रहा हैं आँखे कमजोर हो गयी हैं या दिल,
ये हवाएं इतनी शिथिल क्यों हैं कोई इनसे कहता क्यों नहीं कि मेरे महबूब से जाके मिल,
तुम कहती हो तुम्हें अब किसी से मोहब्बत नहीं होगा,
अगर मैंने तुम्हें गलत शाबित न किया तो कहना एक बार मुझसे आके तो मिल,
मुझसे आके मिल मेरे पास बैठ पूछ मुझसे मेरा हाल-ए-दिल,
मिला मुझसे आँखे सांसे गरम धड़कने तेज न हुआ तो कहना,
लगा मुझे गले अगर रुक न जाए इन हवाओं का बहना तो मुझसे कहना,
अगर फिर भी मोहब्बत न हुआ तो भी मुझे तेरी यादों के सहारे पूरी जिंदगी हैं बहना - पूरी जिंदगी हैं बहना........
:- रौशन कुमार केसरी
11.12.2025
Raushan kumar
इस रात का कोई सवेरा तो होगा, उसकी यादों के समंदर में कोई बसेरा तो होगा,
मेरे बिस्तर ने समंदर जितनी बेचैनियाँ समेटे हैं खुद में, हजारों सवाल, हजारों ख्वाहिशें हर रोज डूबता हैं इसमें, बस एक सवाल जो हर पल कुढता हैं मेरे मन में,
यहाँ परिंदों का भी एक हीं आशियाना होता है तेरा कोई एक निश्चित बसेरा तो होगा, इस रात का कोई सुनहरा सवेरा तो होगा.......
:- रौशन कुमार केसरी
10.11.2025
Raushan kumar
पहले सोया करता था जल्दी मै रातों को अब तो बस याद करता हुँ तेरी बीती बातों को
तू मिलेगी नहीं मुझे ये अकिं हैं फिर भी न जाने इस दिल को एक आश हैं तेरे वादों की
:- रौशन कुमार केसरी
01.08.2025
Raushan kumar
हाल ए दिल जहाँ बयां कर सकूँ ऐसी कोई जगह नही,
बहती नदियों का कोई एक सतह नहीं, तुम कहती हो तुम्हें मुझपर अब ऐतबार नहीं,
मैं तुमपर आज भी मरता हूँ इसकी कोई एक वजह नहीं ।
:- रौशन कुमार केसरी
(11.12.25)
Raushan kumar
हमको आदत लग चुकी हैं महफ़िलों की अब अकेले रहने में घुटन होता हैं,
अकिं करो मैं वही हूँ जो बरसों गुजारा हैं अकेले बंद कमरे में,
और आज अंधेरे से भी मुझे चुभन होता हैं, इसमें उसकी क्या गलती हैं
ये तो वक्त का एक चलन होता हैं, कि अपने दिल पर मेरा नाम लिखने वाली उस लड़की को आज मेरे नाम से भी जलन होता हैं।
:- रौशन कुमार केसरी
05.12.2025
Raushan kumar
मैं नजर नही आऊँगा फिर भी तुम छुपा नहीं पाओगी,
अपने मन के शीशे से मेरा चेहरा हटा नहीं पाओगी,
जो तुझपे बीतेगी वो हाल-ए-दिल किसी को बता भी नही पाओगी
तुम्हें लगता हैं मुझे छोड़कर खुश रह लोगी तुम, मैं वो हकीकत हूँ जिसे जीते जी तुम भुला नहीं पाओगी।
:- रौशन कुमार केसरी
05.12.2025
Raushan kumar
हाल ए दिल जहाँ बयां कर सकूँ ऐसी कोई जगह नही,
बहती नदियों का कोई एक सतह नहीं, तुम कहती हो तुम्हें मुझपर अब ऐतबार नहीं,
मैं तुमपर आज भी मरता हूँ इसकी कोई एक वजह नहीं ।
:- रौशन कुमार केसरी (11.12.25)
Raushan kumar
दिल ऐसे तोड़ के गयी हैं जैसे कभी अपना था हीं नहीं,
अब मुझे लगता हैं कभी तुमसे हाल-ए-दिल बयां करना था हीं नहीं,
कुछ दिन पहले तु मुझपे मरती थी मेरे एक दीदार को तरसती थी,
कल तूने मुझसे नजरे ऐसे चुराई जैसे मैं कभी अपना था हीं नहीं,
क्या तुम वही हो जिसके ख्यालों में आता था जिसके सपनों को मैं सजाता था,
कैसे अकिं कर लूँ कि तुम बदली नहीं हो कल जो मैंने तुम्हें उसके साथ देखा वो कोई सपना था हीं नहीं ।
:- रौशन कुमार केसरी
(15.12.2025)
Raushan kumar
कभी सोचा न था कि तु मुझे इतना जलील करेगी किसी गैर के लिए मुझसे दलील करेगी,
तेरी याद में पागल न हो जाऊँ इस हद तक मुझे, तूने मजबूर किया,
भरी महफ़िल में उसे हार पहनाकर मेरी भावनाओं का तूने चकनाचूर किया,
मैंने देखा हैं तेरी आँखों में... 2
वो गैर नही शायद तेरा कोई अपना हैं तु अब उसपे मरती हैं ये मुझे अब भी लगता कोई सपना हैं,
करके उससे ब्याह तूने बेवफाई की सारी हदें पार कर दी, लाँघकर उसके दहलीज को तूने मेरे दिल की शरहदें पार कर दी।
:- रौशन कुमार केसरी
(25.12.2025)
Miska
अपना पोस्ट लाइक करने का
खुशी ही अलग है
hihihihi 😅
Anghad
" લાગણીનો સેતુ" મારી લાગણી સભર વાર્તાથી વાચકો માટે રજૂ છે
https://www.matrubharti.com/novels/60369/bridge-of-emotions-by-n-a
Miska
दिल दिमाग काम नहीं करे तो
क्या करे कुछ सोचने की जरूरत नहीं है
ठंड बढ़ गई है सो जाए
hihihihi 😅
ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़
🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
वो जो मंज़िल थी मेरी, अब उसका
रास्ता नहीं मिलता,
हज़ारों चेहरे हैं महफ़िल में पर कोई
तुझसा नहीं मिलता,
तेरी खामोशियों में भी छुपे, कितने
ही शिकवे थे,
अब तो ख़ुद से भी मेरा कोई राबता
नहीं मिलता,
वो जो कहते थे कि हमसाया रहेंगे
उम्र भर तेरा,
धूप ढलते ही उनका भी कहीं पता
नहीं मिलता,
थक चुका हूँ, ख़ुद को ये तसल्ली
देते-देते,
कि मोहब्बत में हर किसी को
अपना खुदा नहीं मिलता…🔥
╭─❀💔༻
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
#LoVeAaShiQ_SinGh☜
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Nensi Vithalani
Merry Christmas! to all 🎄✨
May your heart be light, your days be warm, and your life be filled with love, peace, and beautiful moments. Wishing you joy, hope, and gentle miracles this Christmas and always. 💫🤍
Gunjan Banshiwal
छोटी सी जिंदगी है मेरी,आंखों में मेरी बड़े बड़े सपने हैं।
अपने हिस्से की तकदीर लिख चुकी मैं ,अब महादेव के नाम के पन्ने हैं।
- Gunjan Banshiwal
Piyush Goel
https://theliterarymirror.in/sochna-to-padega-hi-by-piyush-goel/
Nensi Vithalani
✨ Last to Second Chapter is OUT NOW ✨
The wait is almost over…
The silence, the distance, the unanswered questions — everything is leading to this moment. 💔
📖 “Niyati – The Girl Who Waited”
The second last chapter is now live.
Every page holds pain, hope, and the courage to keep waiting when love is tested the most.
If you’ve walked with Niyati through her journey, this chapter will stay with you long after you finish reading.
🔗 Read now:
https://www.matrubharti.com/book/19986151/niyati-the-girl-who-waited-24
Kartik Kule
की खुशिया तो तुजे जमानेभरकी मे दे दुंगा
मगर चंद सावलोसे तुझे में रुला भी दुंगा
समजना नाही तुम मुजे तुम्हारा दुश्मन
बस खुषियो से रुबरु करके तुझे चालना सीखा दुंगा
इस जमानेका मे जीन न सही पर परी है तुमेरी में तेरा
सपना बनके दिखाऊंगा
- Kartik Kule
Ruchi Dixit
अफसोस देहान्त का नही था
न है मगर! है अपरिपक्व प्रेम और स्वंय के अप्रकट परिचय से..
- Ruchi Dixit
Manvi Chauhan
MEHSOOS 😌💓
Tere कदमो ki ahat se ...👣
Mera iye Dil dhadakne lagta hai..💓
की Naam tumhara sun ke..🫵❤️
Mera iye Dil bechain ho uthta hai...🩷
Tere ek muskurahat pe mere sari...
Thakkan मिट jati hai ......🙂↔️❤️
Tere saath bitaye huye har ek lamha...🩵
Mujhe har pal tadpati hai...😣❤️Iye mohobbat ki वेदना Badi hi मुश्किल Hoti hai..❤️🩹
Ise “Mohabbat ka sukoon bhi tum ho,
Aur ise Dil ki tadap bhi Tum hi ho..🫵❤️
Teri khamoshi bhi mujhe...🤐
Bohot kuch keh jaati hai…🗣️❤️
Tum saamne ho ya door...🥹
Yeh dil khayalo me bss tumhi ko hi. dhoondhta hai… 💭❤️
Aakhir me tumse bss itna hi kehna hai…🗣️❤️
KI
Meri har kahani ka naam tum ho...🫵❤️
✍️..... manvi
Ruchi Dixit
हो भी तो किस बात का मलाल , मेरे हिस्से में जाने जैसा एक अज्ञात सच और भावना के सिवाय है भी तो क्या!
- Ruchi Dixit
Roshan baiplawat
Hallo dosto
मैंने एक सॉन्ग लिखा है अरावली बचाव के ऊपर तो आप सभी से निवेदन है कि ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करें
Intro
अरावली है। तो सांसें है।
रेत नहीं है । आँखों में…
आज पहाड़ ही कट जाएँ,
तो क्या बचेगा इस धरती में…
Verse 1
अगर अरावली कट गई,
तो पानी भी रूठ जाएगा,
कुएँ सूखेंगे, खेत जलेंगे,
किसान रोता रह जाएगा।
अगर अरावली कट गई,
तो धूल ही धूल उड़ेगी,
राजस्थान से दिल्ली तक देखो,
हवा भी ज़हर घोलेगी।
जंगल रोए, पशु भटके,
सूख जाए हरियाली,
रेत बनेगी पहचान हमारी,
खो जाएगी खुशहाली।
Chorus
अरावली बचाओ, अरावली बचाओ,
ये सिर्फ पहाड़ नहीं, ये माँ है हमारी।
अरावली कट गई तो कल नहीं होगा,
बच गई तो जिंदगानी है हमारी।
Verse 2
अगर अरावली बच गई,
तो बादल फिर बरसेंगे,
नदियाँ जिएँगी, तालाब भरेंगे,
सूखे भी तरसेंगे।
पेड़ खड़े रहेंगे सीना ताने,
धरती होगी मुस्काई,
बच्चों की आने वाली पीढ़ी,
हमें दुआ दे जाएगी।
रैप
ये लड़ाई आज की नहीं,
ये कल की कहानी है,
जो पहाड़ बचाएगा दोस्त,
वो सच्चा हिंदुस्तानी है।
गाने को सुनने के लिए यूट्यूब पर जरुर विजिट करें
song Link. https://youtu.be/LVe6n7b0kEU?si=hkaHQLaKyIHm7kSN
Instagram id. roshan baiplawat
thank 4 reading
Ruchi Dixit
जब भी जरा शान्त पाया खुद को
पीछे मुड़कर देख लिया।
- Ruchi Dixit
Raju kumar Chaudhary
https://youtube.com/@rajufilmyjunction?si=cCmXX87Yn7XPtluE
Ruchi Dixit
आज फिर एक कोशिश की थी..
पाया ! ब्लॉक हो चुका है सब या
शायद कुछ था ही नहीं....
- Ruchi Dixit
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
શિર્ષક: ભારત કે અટલ સિતારે: અટલ બિહારી વાજપેયી
વાણી મેં જિસકે મા સરસ્વતી કા વાસ થા,
ભારત કી મિટ્ટી પર જિસે અટલ વિશ્વાસ થા।
શબ્દોં સે જો શત્રુ કા ભી દિલ જીત લેતે થે,
શાંતિ કી રાહ મેં જો અપના સબ કુછ દેતે થે।
પોખરણ મેં દિખાયા જિસને ભારત કા દમ,
દુનિયા ભી દેખકર રહે ગઈ નિશબ્દ ઓર હમ।
"જય વિજ્ઞાન" કા નારા જિસને દેશ કો દિયા,
આધુનિક ભારત કા સપના સાકાર ઉન્હોંને કિયા।
ગઠબંધન કી રાજનીતિ કે વો સચ્ચે શિલ્પી,
દિલ મેં સદા જલતી થી દેશભક્તિ કી લો ભી।
કવિતા કી પંક્તિયોં મેં જિસકા દર્દ બહતા,
"હાર નહીં માનુંગા" હર ભારતીય સે કહતા।
આજ નહીં હૈં વો મગર યાદેં સદા રહેગી,
ઉનકી અમર વાણી હર પલ હમેં કહેગી—
"અંધેરા છટેગા, સૂરજ નિકલેગા, કમલ ખિલેગા",
અટલ જેસા નેતા અબ ફિર ન કોઈ "સ્વયમ’ભુ" મિલેગા।
અશ્વિન રાઠોડ (સ્વયમ’ભુ)
Dipti Sagarka
હંમેશા દિલથી સુંદર રહો....💌
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