Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status
Nensi Vithalani
वो कहते हैं— मिलने आओगे मुझसे…?
हम कहते हैं— क्या सच में वक़्त निकाल पाओगे मेरे लिए…?
वो कहते हैं— आख़िरी दफ़ा आऊँगी क्या…?
हम कहते हैं— पहली दफ़ा आए ही कब थे आप, जो आख़िरी की बात करते हो…?
वो कहते हैं— याद रखोगी मुझे…?
हम कहते हैं— भुलाया ही कब है आपको… दिल से उतरे ही कब थे…?
वो कहते हैं— इस बार दिल से मिलोगे…?
हम कहते हैं— दिल तो पहले दिन से आपका ही था, बस आपने देखा नहीं…
वो कहते हैं— शायद देर हो गई आने में…?
हम कहते हैं— देर तो तब होती है जब कोई इंतज़ार छोड़ दे… हमने तो आज भी वही जगह संभालकर रखी है…
और अब… जब आख़िरी दफ़ा आ ही गई हूँ—
तो क्या हमेशा साथ रख पाओगे हमें… अपने…?
Nensi Vithalani
“માગીને મળે તે તો વસ્તુઓ હોય છે,
સંબંધો નહીં…
સાચો સંબંધ તો એ જ છે,
જે વગર કહ્યાં, વગર માંગ્યાં
આપણી ખાલી જગ્યાઓ ભરતો રહે.”
- Nensi Vithalani
Agyat Agyani Vedanta philosophy
यह नहीं लिखना चाहिए लेकिन समझ बढ़ती तो लिखना चाहिए
जब कोई व्यक्ति
मेरी आध्यात्मिक खोज,
मेरे लिखे हुए अनुभव,
मेरी बातों को झूठा कहकर
वैज्ञानिक नहीं, पाखंड, अंधविश्वास कह देता है —
तो असल में दो ही बातें होती हैं:
1️⃣ वह खुद को बहुत बुद्धिमान साबित करना चाहता है
और कहता है —
“ऐसा कहीं लिखा नहीं है, विज्ञान ने माना नहीं है, तो ये सब बेकार है।”
2️⃣ पर उसी समय
वह खुद यह भी साबित कर देता है
कि उसकी बुद्धिमानी अधूरी है।
क्योंकि जो सवाल उठाता है
वह जवाब खोजने की विनम्रता भी रखे तो ही
वह सच में बुद्धिमान कहलाता है।
असली पागल कौन?
यदि तुम मुझे “पागल” कहते हो —
तो ठीक है!
मैं मान लेता हूँ कि मैं पागल हूँ।
पर फिर तुम कहाँ साबित करते हो कि तुम बुद्धिमान हो?
जो सिर्फ नकारता है,
कहता है “झूठ, बकवास!”
पर खुद कुछ न दिखाए,
न कोई अनुभव, न समझ दे —
तो वह किस बुद्धि का मालिक?
पागलपन वह नहीं
जो खोज रहा है।
पागलपन वह है
जो खोजने से मना कर देता है।
आध्यात्मिकता का नियम
आध्यात्मिक मार्ग में:
जो आगे समझदार है —
वह पीछे वाले को हाथ पकड़कर उठाता है।
यही सृजन है।
यही करुणा है।
यही धर्म है।
लेकिन जो कहता है: “मैं समझदार और तू मूर्ख” —
वह खुद बच्चे की तरह है
और कभी बड़ा नहीं बन पाता।
प्रेम से सीखने–सिखाने का मार्ग
यदि तुम आमने-सामने विरोध में खड़े रहो —
तो दोनों हारते हैं।
लेकिन यदि तुम मुझे प्रेम से सुधारो —
तो मैं भी बढ़ूँगा
और तुम भी और ऊँचे हो जाओगे।
यही आध्यात्मिकता है:
दोनों का उत्कर्ष।
अंतिम वाक्य
प्रश्न करना — मानसिक रोग नहीं है।
प्रश्न से भागना — मानसिक रोग है।
M K
देना हो तो दर्द देना ,
जिनकी औकात नहीं धोखा वही देते हैं”
- M K
Nensi Vithalani
✨ NEW CHAPTER ALERT! ✨
“Niyati: The Girl Who Waited – Part 21” is OUT NOW!
The journey of Niyati is getting deeper, emotional and more beautiful than ever. ❤️✨
If you’re already following her story — go read the new part now!
If you’re new — start from Part 1 and experience the entire magical journey from the beginning.
📖 Read Part 21:
https://www.matrubharti.com/book/19984697/niyati-the-girl-who-waited-21-by-nensi-vithalani
📖 Start from Part 1:
https://www.matrubharti.com/book/19979576/niyati-the-girl-who-waited-1
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Your support means everything! 🤍✨
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divya
हा अब खुश हुं मैं ,,
क्योंकि अब खुशियों की, तलाश नहीं करती।
सब खो चुकी हूं शायद,,
अब कुछ भी पाने की ,आस नहीं करती ।
शायद बिखरी हुई हूं
अब जुड़ने की, कोशिश नहीं करती ।
जो भी है आज
जी लेती हूं उस आज में कल की तलाश नहीं करती।
सब्र रखती हु अब,
बेवजह ख्वाहिशों की, आस नहीं रखती ।
हा शायद इसलिए खुश हूं मै,
क्योंकि अब खुशियों की, तलाश नहीं करती।
Mrs Farida Desar foram
jumma mubarak ✨️
kajal jha
मैंने एक दिन बैठे बैठे दिल से पूछा कि प्यार में इंसान की जिंदगी आबाद होती है कि बर्बाद तो मेरे दिल ने कहा अगर प्यार सही इंसान से हो जाए तो जिंदगी आबाद हो जाती है और अगर गलत इंसान से प्यार हो जाए तो जिदगी बर्बाद हो जाती है अब यह तुम पर है कि तुम्हें आवाद होना है या बर्बाद
- kajal jha
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
Rahul Raaj
और अचानक एक दिन तुम्हारी बारी आएगी !
:
जीवन में अक्सर ऐसा समय आता है जब हमें लगता है कि हम एक लंबी कतार में खड़े हैं, दूसरों को सफलता, पहचान या खुशी पाते हुए देखते हैं, और सोचते हैं कि हमारी बारी कब आएगी। ऐसा महसूस होता है कि हमारे प्रयास नज़रअंदाज़ हो रहे हैं, जैसे कि समय ठहर गया हो। पर याद रखना, यह संसार एक निरंतर चक्र में चलता है। हर रात के बाद सुबह होती है, हर पतझड़ के बाद बहार आती है। ठीक उसी तरह, संघर्ष और प्रतीक्षा का यह दौर भी अस्थायी है। बस तुम्हें निरंतरता बनाए रखनी है, अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखना है, और अपने काम में ईमानदारी रखनी है। और फिर, एक दिन, बिल्कुल अचानक, तुम्हारी बारी आएगी। जिस पल तुम यह उम्मीद खो रहे होगे, उसी क्षण किस्मत का दरवाज़ा खुलेगा और सारे रुके हुए अवसर तुम्हारे सामने होंगे। वह दिन तुम्हारे धैर्य, समर्पण, और विश्वास का प्रमाण होगा।
Shailesh Joshi
જો તમારામાં ધીરજનો અભાવ હોય તો અમુક ક્ષેત્રોમાં
ખાલી કામ કરવાનું નહીં શીખતા, કેમકે.....
તમારામાં કામ કરવાની ગમે તેટલી સારી ફાવટ હશે તો પણ,
જો તમારામાં કામ કઢાવવાની આવડત નહીં હોય
તો પારકા ભરોસે નૈયા પાર કરવી
અતિ કઠિન સાબિત થઈ શકે છે.
- Shailesh Joshi
Abhishek Chaturvedi
मेरी नफ़रत.......💔🌹💔
Dada Bhagwan
Do you know that a person who, despite having the strength to do so, does not harass another person, is considered as being strong?
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Dhara K Bhalsod
બધાય મૌન ઘમંડ નથી હોતા,
ક્યારેક માણસ સમજાવી સમજાવી ને
પણ થાકી ગયો હોય.
- Dhara K Bhalsod
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹
M K
मुझे पाना तुम्हारी औकात के बाहर है ,
इसीलिए धोखे का सहारा लिया...
हर औरत तुम्हारे पैसों से खरीदी नहीं जा सकती,
किसी को अपना बनाने के लिए तुम्हारे संस्कार ही काफी थे..!!
- M K
M K
काश! किसी पर भरोसा किया ही नहीं होता मैने ,
प्यार शब्द को देखने का नजरिया ही कुछ और होता मेरा..!
- M K
M K
तुम्हे भूलूंगी नहीं मैं कभी,याद रखूंगी
जब भी कोई मुझसे आकर कहे प्यार है तुमसे
यकीन मानो मुस्कुरा कर कहूंगी, इंकार है ऐसे प्यार से
तुम्हारे जैसा ही कोई शख्स मुझे तोड़ा था,,
- M K
M K
दिल को दिल से जोड़ने वाला डोर ही झूठा दिखा
बताओ अब मुझे तुम कौन से पीपल पर बांधू मैं...!!
- M K
M K
तुम इतने अच्छे भी नहीं जितना मैं समझ रही थी
तुम भी वही हो जो लोग बनावटी चेहरे लेकर बाजारों में घूमते हैं....
- M K
M K
लगता है मुझे अब तुम किसी और का होने लगे हो
मेरा नाम खुद से जोड़कर, मोहब्बत को ठगने लगे हो,,
- M K
Saliil Upadhyay
जिसे मैं की हवा लगी
उसे फिर न दवा लगी न दुआ लगी..!
- Saliil Upadhyay
S A Y R I K I N G
मिट्टी से बना हू मिट्टी में ही मिल जाऊंगा
रोता हुआ आया था रुलाते हुए जाऊंगा
तब देखना यार
में जैसा भी था
पर सब को याद आऊंगा
SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》
दिल चाहता है कि फ़िर,
अजनबी बन कर देखें,
तुम तमन्ना बन जाओ
हम उम्मीद बन कर देखें।
- SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》
Imaran
एक के घर की ख़िदमत की और एक के दिल से मोहब्बत की
दोनों फ़र्ज़ निभा कर उस ने सारी उम्र इबादत की
🫶 imran 🫶
S A Y R I K I N G
हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे
तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ रख लेना...
Dt. Alka Thakkar
ભોળો છે અને ભોળા નો નાથ પણ છે
જરા ચાલાકી બાજુ પર મૂકીને શીશ ઝુકાવો અહીં
- Dt. Alka Thakkar
Jyoti Gupta
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shah
*સુખી માણસની ત્રણ નિશાની..*.
*રડે નહી...લડે નહી...કોઇ ને નડે નહી...*
*🌹🙏સુપ્રભાત🙏🌹*
Ashish
એક વખત
એક માણસ ના ખીસ્સામાં
*2000.00*
રૂપિયાની નોટ અને
*1.00*
રૂપિયાનો સિક્કો ભેગા થયા
સિક્કો તો અભીભૂત થઇને
નોટની સામે જોયા જ કરતો હતો
નોટે પુછ્યુ,
આટલું ધ્યાન પૂર્વક
શું જુએ છે ?
સિક્કાએ કહ્યુ,
આપના જેટલા
મોટા મૂલ્યની
વ્યક્તિ સાથે
ક્યારેય મૂલાકાત
થઇ નથી એટલે
આપને જોવ છું
આપનો જન્મ થયો ત્યારથી
અત્યાર સુધીમાં
આપ કેટલું બધુ
ફર્યા હશો
આપનું મૂલ્ય
મારા કરતા
હજાર ગણું વધારે છે
એટલે કેટલા લોકોને
ઉપયોગી થયા હશો ?
નોટે દુ:ખી વદને કહ્યુ,
ભાઇ,
તું વિચારે છે
એવું કંઇ નથી
હું એક
ઉદ્યોગપતિ ના
કબજામાં હતી
એણે મને સાચવીને
એની તિજોરીમાં રાખેલી
એક વખત મને
તિજોરીમાં થી
બહાર કાઢીને
એણે કરેલા
ટેકસ ચોરીના
કૌભાંડને ઢાંકવા માટે
લાંચ તરીકે
એક અધિકારીના
હવાલે કરી
મને એમ થયુ કે
ચાલો જેલમાંથી છુટ્યા
હવે કોઇના
ઉપયોગમાં આવીશ
પણ મારા સપનાઓ
સપનાઓ જ રહ્યા
કારણકે અધિકારીએ
મને એના
બેંક લોકરમાં
કેદ કરી દીધી
કેટલાય મહિનાઓ બાદ
અધિકારીએ
એક મોટો બંગલો ખરીદ્યો
એટલે મને
બેંક લોકરમાંથી
બહાર નીકળવાની
તક મળી
જેવી બીલ્ડરના
હાથમાં આવી કે
એણે તો કોથળામાં પુરીને
એક અંધારી જગ્યાએ મુકી દીધી
મારો તો
શ્વાસ પણ રુંધાતો હતો
હજુ થોડા દિવસ પહેલા જ ત્યાંથી નીકળીને
આ માણસના
ખીસ્સામાં પહોંચી છું
ભાઇ સાચુ કહુ તો
મેં મારી જીંદગી
જેલમાં જ વિતાવી છે
નોટે પોતાની વાત પુરી કરીને પછી
સિક્કાને પુછ્યુ
“દોસ્ત,
તું તો કહે
તારા જન્મ પછી
તું કેટલુક ફર્યો ?"
"કોને કોને મળ્યો ?”
સિક્કાએ
હરખાતા હરખાતા કહ્યુ
*“અરે દોસ્ત,*
*શું વાત કરુ ?*
*હું તો ખૂબ ફર્યો"*
એક જગ્યાએ થી
બીજી જગ્યાએ
અને ત્યાથી વળી
ત્રીજી જગ્યાએ
સતત ફરતો જ રહ્યો
ક્યારેક ભીખારી પાસે જઇને
એને બીસ્કીટ નું
પેકેટ અપાવ્યું
તો ક્યારેક
નાના બાળકના
હાથમાં જઇને
એને ચોકલેટ અપાવી
પવિત્ર તીર્થસ્થાનોમાં
જઇ આવ્યો,
પવિત્ર નદીઓમાં
નાહી આવ્યો
અને
પ્રભુના ચરણસ્પર્શ
પણ કરી આવ્યો
ક્યારેક હું આરતીની
થાળીમાં જઇ આવ્યો
તો ક્યારેક અલ્લાહની
ચાદરમાં પણ પોઢી આવ્યો
મને ખૂબ મજા આવે છે
અને
જેની જેની પાસે જાવ છું
એને પણ
મજા કરાવું છું."
*સિક્કાની વાત સાંભળીને*
*નોટની આંખો*
*ભીની થઇ ગઇ*
*મિત્રો,*
*તમે કેટલા મોટા છો એના કરતા*
*તમે લોકોને કેટલા ઉપયોગમાં આવ્યા*
*એ વધુ મહત્વનું છે.*
*મોટા હોય પણ ઉપયોગમાં ન આવે*
*તો એ નાના જ છે*
*અને નાના હોય પણ બીજા ને ઉપયોગમાં આવે તો*
*એ નાના નહી*
*બહુ મોટા છે.*
Deepak Bundela Arymoulik
ललक हो तो फलक
अगर तुम में सीखने की ललक नहीं है,
तो मंज़िल-ए-फ़लक नहीं है।
ख़्वाब तो पलकों पे सजा लेते हो,
पर राह में चलने की धमक नहीं है।
किताबें सामने, सोच कहीं और,
हौसलों में अब वो चमक नहीं है।
बातें बड़ी, इरादे बंजर,
मेहनत में मिट्टी की महक नहीं है।
गिरने का डर जो बाँध ले पाँव,
तो उड़ने की कोई पतंग नहीं है।
जो कल के सहारे आज जिए,
उसके आज में ताज़ी उमंग नहीं है।
सीखना ही पूजा, सीखना ही धर्म,
बिना इसके जीवन अगरक नहीं है।
जो खुद को रोज़ नया न करे,
उसकी किस्मत में फलक नहीं है।
उठो, सवालों से दोस्ती करो,
राहों से अब कोई झिझक नहीं है।
जहाँ जिज्ञासा ज़िंदा रहती है,
वहीं तकदीर की हर शक्ल नहीं है।
Arymoulik
Deepak Bundela Arymoulik
ललक हो तो फलक
अगर तुम में सीखने की ललक नहीं है,
तो मंज़िल-ए-फ़लक नहीं है।
ख़्वाब तो पलकों पे सजा लेते हो,
पर राह में चलने की धमक नहीं है।
किताबें सामने, सोच कहीं और,
हौसलों में अब वो चमक नहीं है।
बातें बड़ी, इरादे बंजर,
मेहनत में मिट्टी की महक नहीं है।
गिरने का डर जो बाँध ले पाँव,
तो उड़ने की कोई पतंग नहीं है।
जो कल के सहारे आज जिए,
उसके आज में ताज़ी उमंग नहीं है।
सीखना ही पूजा, सीखना ही धर्म,
बिना इसके जीवन अगरक नहीं है।
जो खुद को रोज़ नया न करे,
उसकी किस्मत में फलक नहीं है।
उठो, सवालों से दोस्ती करो,
राहों से अब कोई झिझक नहीं है।
जहाँ जिज्ञासा ज़िंदा रहती है,
वहीं तकदीर की हर शक्ल नहीं है।
Arymoulik
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
गुलाब
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठों से शराब छलक रही हैं l
ये देख के दिल फेंक दिवानो की महफिल चहक रही हैं ll
रोम रोम में खिला हुआ है यौवन ओ मदमस्त मस्ती l
हुश्न की खूबसूरत अदाओं देख शाम भी बहक रही हैं ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
DrAnamika
कुछ तो लोग कहेंगे"..
ये☝कुछ लोग कहां हैं???
मुझे अभी तक नहीं मिले..
मिल जाएं इक बार ये👉 कुछ लोग एक बार..
अक्ल ठिकाने न लगा दिया तो..
😂😂😂
#डॉअनामिका #कुछ_लोग
#हिंदी_का_विस्तार #हिंदीपंक्तियाँ #हिंदीशब्द
Kuldeep Singh
kuldip Singh ✍️
S A Y R I K I N G
फिर उसके बाद हमने मुस्कुराना छोड़ दिया
दिल टूटा तो दिल लगाना छोड़ दिया
वो ढूंढ रहा है जमाने में मुझसे बेहतर
वो जिसके लिए मैने जमाना छोड़ दिया
S A Y R I K I N G
चाहने वाले तेरे हजार होंगे
कहा सब तेरे वफादार होंगे
कुछ जान लेने वाले मिलेंगे
कुछ तेरे जा निसार होंगे
एना फरिश्तों से पाला पड़ेगा
चेहरे मगर पाक निसार होंगे
देखना दुश्मन की पहली साफ़
सामने तेरे यार मिलेंगे
Umesh Donga
"कोशिशें हमेशा रंग लाती हैं… बस रंग दिखने में थोड़ा समय लगता है साहब....✍
S A Y R I K I N G
उसकी सोबत में गए संभले दुबारा टूटे
की हम एक ही शख़्स दे कर दिल सहारा टूटे
ये अजीब रस्म है प्यार की
हमे बिल्कुल समझ नहीं आया
की प्यार भी हम करे और दिल भी हमारा टूटे
S A Y R I K I N G
किसी से जुदा होना आसान होता..
तो जिस्म से रूह को लेने कभी फरिश्ते नहीं आते
S A Y R I K I N G
ये तुम से कह दिया किसने
की तुम बिन रह नहीं सकते
ये दुख हम सह नहीं सकते
चलो हम ये मान लेते है कि तुम बिन हम बहुत रोए कई रातों तक सोए नहीं
मगर अफसोस है जन
की अब जब तुम लौटोगे
हमें तब्दील पाओगे
बहुत अफसोस होगा तुम्हें
जो पूछोगी ऐसा क्यों किया तुमने
तो सुन लो जान
पुरानी एक रिवायत तोड़ दी हमने
अब मोहब्बत छोड़ दी हमने
Paagla
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Mritunjay kumar
पुरानी हो गयी है अब जग में ये रीत..........
ना राधा जैसा प्रेम मिलता है ना कृष्ण जैसा मीत।❤️
- Mritunjay kumar
Rahul Raaj
ज़िंदगी का सबसे बड़ा सच ये है कि यहाँ किसी को तुम्हारे struggles से फर्क नहीं पड़ता। लोग तुम्हें बस उतना ही value देंगे जितना तुम्हारा result है। अगर तुम्हारे पास power, पैसा या position नहीं है तो तुम्हारी अच्छाई की भी कोई कीमत नहीं होती। Respect माँगने से नहीं मिलती, वो या तो earn करनी पड़ती है या फिर खोनी। और याद रखना, दुनिया तुम्हें उतना ही seriously लेगी जितना तुम खुद को लेते हो।
लोग हमेशा बोलते हैं कि रिश्ते ज़िंदगी में सबसे जरूरी हैं, पर असलियत ये है कि अगर तुम financially और mentally stable नहीं हो तो वही रिश्ते तुम्हारे लिए बोझ बन जाते हैं। Time और Energy invest करनी है तो दो चीज़ों में करो skills और health, क्योंकि यही वो assets हैं जो किसी भी हालात में तुम्हें गिरने नहीं देंगे।
लोग सोचते हैं कि वो बहुत smart हैं, लेकिन असल test तब होता है जब ज़िंदगी तुम्हें एक ऐसा reality check देती है जिससे तुम्हारी पूरी सोच बदल जाती है। सबसे खतरनाक चीज़ है खुद से झूठ बोलना क्योंकि जब इंसान खुद को देने लगे, तो उसे कोई नहीं बचा सकता। सच यही है कि हर किसी को खुश करने की कोशिश में तुम खुद कभी खुश नहीं रह पाओगे। ज़िंदगी आसान तभी लगेगी जब तुम accept करोगे कि ये unfair है और unfair होते हुए भी तुम्हें अपना best देना है।
GOOD MORNING 😊
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
अन्तस के बदले बिना, बदले नहीं स्वभाव। धर्म आचरण के लिए, लाना है सद्भाव।। दोहा--230
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'
Vrishali Gotkhindikar
आयुष्य...........
आयुष्य काय आहे....
काही हीशोब..,काही व्यवहार...
काही देणं....आणी काही घेणं....??
.......नाही ग राणी......
...........तुझ्या माझ्या मनातलं एक सुरेल गाणं..!!!
आयुष्य काय आहे....
भोवतालच्या लोकांची कटकट..!!
नात्या नात्यातली करबुर,,????
.......नाही ग राणी......
...................सुंदर अर्थपुर्ण अशी एक "गझल" पुरेपुर!!
आयुष्य काय आहे....
नोकरीची पळापळ..रोजची धावपळ..!
आणी ..परीस्थीतिशी झगडणं....
.......नाही ग राणी.....
एकमेकांच्या सोबत असण्याचा आनंद घेणं..!!
आयुष्य काय आहे....
रोज ..रोज...तेच काम करणं...
कंटाळवाणं...नीरस..आणि रुक्ष..!
.......नाही ग राणी.....
तुझ्या माझ्या प्रेमाची हीच तर आहे खुण निरपेक्ष..!!!
Milan A Gauswami
મર્યાદા માટે મૂકવું, ને
પૈસા માટે મૂકવું એમાં ફેર હોય લાલા.....
- Milan
Daxa Bhati
अब जाके सही हिसाब करना सीखी हू में,,अब में खुद को खर्च वही करती हूं,जहा मेरे स्वाभिमान, मान ओर सम्मान की कद्र हो....🫰
- Daxa Bhati
- Daxa Bhati
Bhavna Bhatt
મોજ મસ્તી પરિવાર સાથે
Abhishek Chaturvedi
कितनी मुश्किल के बाद टूटा है,
वो एक रिश्ता....
जो कभी था ही नहीं......💔
- Abhishek Chaturvedi
Abhishek Chaturvedi
कितनी मुश्किल के बाद टूटा है,
वो एक रिश्ता....
जो कभी था ही नहीं......💔
Daxa Bhati
अब जाके सही हिसाब करना सीखी हू में,,अब में खुद को खर्च वही करती ,जहा मेरे स्वाभिमान, मान ओर सम्मान की कद्र हो....🫰
- Daxa Bhati
Bitu
बदल दिया तुमने मुझे जनाब
खुद के हिसाब से..
कम से कम
मोहब्बत तो करने देते
मुझे मेरे हिसाब से...
Bitu
KRUNAL
આખી જિંદગી આંકડા તમે માંડો,
અને છેલ્લે સરવાળો કોઈ બીજું જ કરી જાય એનું નામ નસીબ..!!
હાથમાં લીટીઓ કોતરી, ગણિત માંડ્યું કર્મનું,
કર્મની ભૂમિ પરે, વાવેતર કર્યું ધર્મનું.
પ્રયત્નોની પાટી પર રોજ નવી ગણતરી,
આશાઓના અંકોની હારમાળા રચાઈ.
અંતિમ પરિણામનો હિસાબ કોક અન્યને,
નસીબના ચોપડામાં સિક્કો વાગે અદ્રશ્યનો.
ક્યારેક મહેનત વ્યર્થ, ક્યારેક અણધારી સૌગાત,
એ જ તો જીવનની લીલા, જે જગાવે અનોખી વાત.
નસીબની આ વ્યાખ્યામાં સત્યનો પૂરે છે સૂર,
પ્રયત્ન આપણો ભરપૂર, ભાગ્યનો ફેંસલો છે દૂર.
Rahul Raaj
आजकल इंसान बदल नहीं रहा
बस अपनी कमज़ोरियों को words में strong कहलाना सीख गया है।
सबको अपने फैसले सही लगते हैं, पर ज़रा भी सवाल करो तो ego hurt हो जाती है।
लोग सुनने से ज़्यादा जवाब देने की जल्दी में रहते हैं, जैसे हर बात में जीतना ज़रूरी हो।
अब conversations नहीं होते, बस comparison होता है।
Respect अब behaviour से नहीं, benefit से मिलती है।
लोग character नहीं देखते, convenience देखते हैं।
हर कोई 'real' बोलता है, पर honesty उन्हें तभी अच्छी लगती है
जब बात किसी और के बारे में हो।
खुद पर आए तो हर इंसान logic ढूँढने लगता है।
Loyalty भी अब choice नहीं, situation बन चुकी है।
लोग depth की बात करते हैं, पर गहरी बात समझने का patience किसी के पास नहीं।
हर कोई अच्छा दिखना चाहता है, पर अच्छा होना किसी की priority नहीं रही।
शायद इसी लिए आजकल silence ही सबसे सच बोलता हुआ लगता है।
Sudhir Srivastava
किनारा
*******
किनारा करने की वजह का मूल्यांकन जरुरी है,
या किनारा करने की सिर्फ मजबूरी है,
जो भी है, आजकल रिश्तों में बढ़ रही दूरी है।
अपने अपनों से किनारा कर रहे हैं,
बेवजह के आरोप लगा खुद को सही बता रहे हैं,
पर कौन समझाए हमारी सोच को?
जो हम अपने माता-पिता से भी किनारा कर रहे हैं,
अपनों को ही अपना दुश्मन मान लें रहे हैं।
रिश्तों में औपचारिकताओं का बोलबाला बढ़ रहा है,
और तो और मानव मशीन बनता जा रहा है,
अपने और अपनों की बात तो छोड़िए
वो तो अपने आप से भी किनारा कर रहा है।
संवेदनाओं को ढकेल कर किनारे कर रहा है,
प्रतिस्पर्धा में अपने हित और भविष्य को भी
ताक पर रखने को आतुर हो रहा है,
आधुनिकता के इस दौर में मानव
तकनीक की मशीन बनने की ओर स्वयं ही बढ़ रहा है।
मानव ही मानव को दफन कर रहा है
परिवार समाज से किनारा कर रहा है,
इस चक्कर में उल्टे सीधे तर्क दे रहा है
अपने आपमें से ही उलझता जा रहा है,
ऐसा लगता है कि बुद्धि विवेक से हीन हो रहा है।
सुधीर श्रीवास्तव
M K
लगता है मुझे अब तुम किसी और का होने लगे हो
मेरा नाम खुद से जोड़कर, मोहब्बत को ठगने लगे हो,,
- M K
M K
लगता है मुझे अब तुम किसी और का होने लगे हो
मेरा नाम खुद से जोड़कर, मोहब्बत को ठगने लगे हो,,
- M K
ધબકાર...
એક પુરુષની સ્ત્રી પાસે અપેક્ષા શું હોય?
વાસના...પ્રેમ જે સમજો એ આ જ પહેલો જવાબ ને કદાચ એ સ્ત્રી ને પણ એવું લાગતું હશે કે!!!
છે પણ એવુંજ પુરુષના હોર્મોન્સ માં સ્ત્રી જુવે ત્યારે એની ફિતરત બદલાઇ જાય ને એવું પણ માની શકાય કે પુરુષનું વ્યક્તિત્વ જ એવું ને એના ભાવ પણ એવા કે સ્ત્રી તરત સમજી જાય.
આ સામાજિક રચનામાં પુરુષ માટે એક અપેક્ષિત સર્વસામાન્ય વ્યાખ્યા કંઇક આવી કરવામાં આવી છે.
ધબકાર...
Nisha ankahi
काली रातें सवाल पूछती हैं,
और भोर जवाब लेकर आती है
पर जवाब वही समझता है
जो रात से डरकर भागा नहीं
- Nisha ankahi
Soni shakya
वो सुनती रहे ख़ामोशी से ,
मैं कहता रहूं नजरों से,
वो यु ही बस बैठी रहें सामने ,मैं देखता रहूं,
ना वो कुछ कहे ना मैं कुछ कहूं,
क्योंकि.. जब दो दिल निःशब्द मिलते हैं तो,
बातें बहुत होती है...
💕💕
- Soni shakya
Rahul Raaj
जब आप खुद को किसी पर बोझ बनता देखो...
तो जितना जल्दी हो सके उनका बोझ हल्का कर दो...!
Saroj Prajapati
अधूरे किस्सों की अजब ही दास्तां
ना कागज़ पर उतरी ना कभी सुनाई ही गई
प्रेम की चिंगारी थी दोनों ही दिलों में
ना जली पूरी तरह ना कभी बुझाई ही गई।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati
kattupaya s
Goodnight friends sweet dreams
Chaitanya Joshi
પડે જરુરત મારી કદી, ટકોરા બારણે દેજો.
ના ગણશો મુજને રદ્દી, ટકોરા બારણે દેજો.
કાળી રાત હોય કે દિવસ ધોળો આવજોને,
આપીશ આવકાર વદી, ટકોરા બારણે દેજો.
આવીશ ઉઘાડા પગે હાથ અને સાથ દેવાને,
પરોપકાર ગયો છે સદી, ટકોરા બારણે દેજો.
એક જ રંગ મારો ના કદીએ બદલનારો એ,
છોને વીતતી સદીને સદી, ટકોરા બારણે દેજો.
ના સ્વાર્થ ભાળી મતિ મારી બદલનારી સમે,
પ્રભુ ના દેજે એવી બદી, ટકોરા બારણે દેજો.
- ચૈતન્ય જોષી " દીપક" પોરબંદર.
S A Y R I K I N G
बेटियां..
हम बेटियां बन कर आई हैं
मां बाप के जीवन में
बसेरा होगा हमारा
कल किसी और के आंगन में
दे कर जन्म पाल के हमको बड़ा किया
और फिर वक्त आने पर
अपने ही हाथों से विदा किया
क्यों ये रीत ऊपर वाले ने बनाई होगी
कहते है आज नहीं तो कल बेटी पराई होगी
क्यों ये रिश्ता इतना अजीब होता हैं
क्या यही हम बेटियों का नसीब होता हैं
S A Y R I K I N G
तेरे होते हुए में किसी और को क्यों सोचूं
जान हो तुम
जान का मतलब तो समझते हो ना तुम
S A Y R I K I N G
जान कहने से कोई जान नहीं होता
अगर कोई कह भी दे तो नुकसान नहीं होता
S A Y R I K I N G
आसमान पर नजर है लोगों की
चांद उनका वही पर रहता है
पर में क्या ढूंढूं आसमान में
मेरा चांद तो ज़मीन पर रहता है
sonam kumari
✨ “Meet My Soul” ✨
Meet my soul,
and you will see
how softly my heart
was made to love.
Meet my soul,
and you will feel
how quietly it carries
its own loneliness.
I am love,
in every tender breath—
and I am alone,
in every silent ache.
-Sonamkumari
S A Y R I K I N G
आज कल के नौजवानों के लिए
कुछ शब्द
काम काज छोड़ कर फिर एक नो जवान
सुंदरी से सुंदरी की मेल में लगा है
दिन रात जाग कर बाबू सोना करता है
प्यार के वो नए नए खेल में लगा है
कोई इसे समझाओ डिब्बा ये जवानी वाला
जिन्दगी की राजधानी रेल में लगा है
ये बेचारे प्यार की परीक्षा में बार बार
फेल पास फेल पास फेल में लगा है
Saroj Bhagat
में मुक्त गगनका पंछी
अपनी आज़ादी मुजे जानसे भी प्यारी
तोड सारेजगके बंधनकी डोर
उड़ जाउमें मुक्त गगनकी ओर
ना सीमाओका बंधन
ना क्षितिजों के सलीके
खुला आश्मां मेरा आशियाना
जहाँ जाके थहरा हर कौना
दे रहा है फैलाके बाहोका इशारा
आके बसजाओ नीलगगनके महेमान
Shailesh Joshi
જરૂરી નથી કે ગુસ્સો હંમેશા
સામેવાળી વ્યક્તિને જ તકલીફ આપે,
કેમકે ગુસ્સાનો એક પ્રકાર એવો છે જે,
ગુસ્સો કરવાવાળાના દિલ પર
બહુ મોટી અને ઊંડી અસર કરતો હોય છે, કારણકે એ ગુસ્સામાં
અનહદ લાગણી છુપાઈ હોય છે.
- Shailesh Joshi
S A Y R I K I N G
मैंने तो अपना सफ़र तय कर लिया है लाड़ली
, या तो ज़िंदगी तेरे साथ कटेगी, या फ़िर अकेले आया था
दुनियां में, अकेले ही रहूंगा , और अकेले ही जाऊंगा दुनिया से.......!!!
सारे लफ्ज़ फिरो दिए इस शायरी में
क्योंकि ये दिल से लिखे शब्द है
Good night
Prashant Singh
Aakhir mere saath hi aisa kyon hota hai…
Mujhe jo sabse azeez hota hai,
Wahi khota hai…
Kya main kuchh paane ke laayak nahi?
Ya meri kismat ne pehle se hi
yehi raasta likh rakha hota hai?
Jise bhi dil se pyaar karta hoon,
Jise sabse kareeb rakhta hoon…
Har baar wahi mujhe chhod kar chala jaata hai.
Kabhi kabhi sochta hoon—
Mere saath hi aisa kyon hota hai?
Jo mujhe sabse kareeb hota hai…
Aakhir har baar wahi kyun khota hai?
Tanya Singh
https://www.matrubharti.com/book/19984662/unfulfilled-dreams-on-the-eyelids-a-story-of-love-and-struggle
paklo par adhure sapne.
New story by me. Tanya Singh
Ruturaj Singh Surpur
उस चित्र में रंग नहीं,
जिस में मित्र संग नहीं।
Gautam Patel
ગવાર (ગુવાર) 🫘
ગુવારનું નામ ગુવાર (કે ગવાર)
હોવાનું કારણ એ કે અસલમાં તે ગાયોને
નીરવામાં આવતી, પરંતુ આજે તેણે
મનુષ્યના ભોજનથાળમાં સ્થાન મેળવ્યું
છે મૂળ શબ્દ ગૌઆહાર છે.
દુનિયાની ૯૦% ગુવા૨/cluster bean
ભારતમાં થાય છે. પરિણામ
આંતરરાષ્ટ્રીય બજારમાં આપણી
લગભગ મોનોપલી છે, માટે તગડા દામ
મેળવી રહેલા ભારતીય ખેડૂતો સહેજ
ખુશખુશાલ છે. બજાર પણ એવું છે કે
જેમાં ક્યારેય મંદી આવે તેમ નથી, કેમ કે વિશિષ્ટ ગુણધર્મ ધરાવતી ગુવારનો ઔદ્યોગિક ક્ષેત્રે બીજો વિકલ્પ નથી. તેના બીયાંના આંતગરર્ભ ભાગમાં galtommmmm gun નામનો પદાર્થ છે, જેને પાણીમાં ભેળવ્યા બાદ
પાણી ઘટ્ટ જેલીનું સ્વરૂપ ધારણ કરે છે. પદાર્થનું જાણીતું નામ ગુવાર ગમ છે,આઈસ ક્રીમ બનાવવામાં તે વપરાય છે, ટેક્સ્ટાઇલના અને કાગળના ઉદ્યોગમાં
પણ તેનો ઉપયોગ થાય છે, હવે આપણી ગુવાર પેટ્રોલિયમનો અને નેચરલ
ગેસના ક્ષેત્રે જડીબુટ્ટી નીવડી છે,
પેટ્રોલિયમ તથા નેચરલ ગેસનો અમુક જથ્થો ભૂગર્ભના shale કહેવાતા નરમ અને છિદ્રલ ખડકોમાં પચેલો હોય છે, માટે સુલભ નથી, આમ છતાં પરંપરાગત
રીતે પ્રાપ્ત કરી શકાતા જથ્થાના ભંડારોનું તળિયું દેખાવા માંડે ત્યારે શેઇલ ગેસને તેમજ શેઇલ ઓઇલને તારવ્યા વગર છૂટકો નહિ,
ગેસનો દાખલો લઇએ, છિદ્રો પારગમ્ય હોય ત્યાં ગેસ ખડકોમાં સ્થાનાંતર કરી શકે છે, પણ ત્યાર પછી ક્યાંક નક્કર ખડકો તેને આગળ જવા દેતા નથી, ઇજનેરી ગેસને જુદો તારવવા શેઇલ ખડકોનું કરે છે, ઊભો પાઇપ ૩૦૦ થી ૧,૫૦૦ મીટર જેટલો નીચે ઉતાર્યા બાદ તેને આડી લીટીમાં સેંકડો મીટર સુધી લંબાવે છે. પાઇપો દર થોડા અંતરે મોટાં કાણાં હોય છે, હાઇ-પ્રેશર પંપ ધરાવતું વાહન તેમાં જે પાણી દબાણપૂર્વક ધકેલે તે દરેક કાણા પાસે ખડકોમાં ફાટ પાડી છે.
આ પાણી જેલીના પ્રકારનું સ્નિગ્ધ
સ્વરૂપ પકડી ‘વિસ્કસ ફોર્સ' પેદા કરે એ માટે
તેમાં ગુવાર ગમ ભેળવવું જરૂરી છે--કહો કે
અનિવાર્ય છે. સક્શન વડે અંતે તેને તીના
કર્ણો તથા કાંકરા સહિત કાઢી લેવાય છે અને
ખુલ્લી કાટ દ્વારા નેચરલ ગેસ નીતરીને
પાઇપમાં આવે છે. શેઇલ પેટ્રોલિયમને પણ
આવી જ રીતે હસ્તગત કરી શકાય છે.
https://www.facebook.com/share/p/1BiZpfZSc3/
Shefali
#shabdone_sarname__
#શબ્દોને_સરનામે__
#shabdone_sarname_
Ambika
एक अबोल नात ❤️ ...
एक अबोल नात
तुझ नी माझं
ओठांवमध्ये दडलेले
डोळ्यांनी फुललेलं ...
एक अबोल नात तुझ नी माझं
पावसात भिजलेल ह्रदयात कोरलेल
कुणालाही न कळता मोगऱ्याच्या
गंधात दरवळलेल ...
एक अबोल नात तुझ नी माझं
निर्मळ झऱ्यावाणी वाहणारं
पण कधी कुणाला न कळणार
विरहाच्या आगीत आयुष्यभर झुरणार ...
एक अबोल नात
तुझ नी माझं
कधी एक न होणार पण
एकमेकांसाठी आयुष्यभर तरसणार ...
अंबिका ...
Ambika
एक अबोल नात ❤️.....
एक अबोल नात
तुझ नी माझं
ओठांवमध्ये दडलेले
डोळ्यांनी फुललेलं ...
एक अबोल नात तुझ नी माझं
पावसात भिजलेल ह्रदयात कोरलेल
कुणालाही न कळता मोगऱ्याच्या
गंधात दरवळलेल ...
एक अबोल नात तुझ नी माझं
निर्मळ झऱ्यावाणी वाहणारं
पण कधी कुणाला न कळणार
विरहाच्या आगीत आयुष्यभर झुरणार ...
एक अबोल नात
तुझ नी माझं
कधी एक न होणार पण
एकमेकांसाठी आयुष्यभर तरसणार ...
अंबिका ...
Bhavna Bhatt
ચાલો હરદ્વારમાં ગંગા મૈયા ની પનાહ માં
Apurv Adarsh
Free has its own hidden cost.
jighnasa solanki
good Afternoon everyone 😇😇
આ કેક તમારા બધા માટે છે.
પછી કહેતા નહી કે મે મારી Birthday નો કેક ના ખવડાવ્યો.😃😃
આજે મારો જન્મદિવસ છે એટલે મારા જીવનના નવા અધ્યાયની શરૂઆત.
"સંઘર્ષ", "સંયમ" અને "સહનશીલતા"
મારા જીવનના નવા અધ્યાયનુ નવુ સૂત્ર.😇😇
Pooja Singh
कहते हैं, अगर प्यार सच्चा हो, तो कई मीलों का सफर तय करके भी आप तक पहुंच जाता है। पर क्या हो अगर, आपका प्यार किसी और ही दुनिया का हो और कर रहा हो आपका कई वर्षों से इंतज़ार! “अधिराज” जिसने पच्चीस साल पहले अपने प्यार को खो दिया था। आज किस्मत ने उसे दोबारा मौका दिया है अपने प्यार को हासिल करने का। अपने प्यार को पाने के लिए अधिराज एक बार फिर इंसानी दुनिया में कदम रखता है, लेकिन अब, अधिराज के सामने पहले से ज्यादा चुनौतियां हैं। पक्षीलोक के नया दुष्ट मतलबी 'राजा प्रक्षीरोध', पाना चाहता है काली शक्तियां, जिससे वो राज कर सके पूरी दुनिया पर, लेकिन उसके लिए उसे जीवंतमणि रक्षिका तभी मिलेगी जब वो “एकांक्षी” को पा लेगा। वहीं इन सारी परेशानियों से बेखबर एकांक्षी अपनी ही मस्ती में गुम है। क्या अधिराज बचा पाएगा एकांक्षी के अस्तित्व को? क्या एकांक्षी अपने पूर्वजन्म को समझ पाएगी? जानने के लिए पढ़िए “ दो दिल कैसे मिलेंगे
Archana Singh
यदि आमदनी पर्याप्त न हो , तो ..
खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए..!
यदि जानकारी पर्याप्त न हो , तो ..
शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए ..!!
अर्चना सिंह ✍🏻
- Archana Singh
Agyat Agyani Vedanta philosophy
वेदान्त क्या कहता है? ✧
पुराना वेदान्त कहता है:
ब्रह्म सत्य — जगत मिथ्या — जीव ब्रह्म ही है।
लेकिन…
• इसमें दार्शनिक सत्य है
• पर वैज्ञानिक प्रमाण सीमित
• “कैसे?” का उत्तर अस्पष्ट
वेदान्त गंतव्य बताता है,
पर मार्ग अधूरा छोड़ देता है।
---
✧ विज्ञान क्या कहता है? ✧
विज्ञान कहता है:
ऊर्जा और सूचना ही सब कुछ हैं।
लेकिन…
• इसमें विधि है
• पर बोध नहीं
• आत्मा और चेतना — इसकी सीमा के बाहर
विज्ञान कैसे होता है बताता है,
पर क्यों होता है नहीं।
---
✧ वेदान्त 2.0 — सूत्र ✧
वेदान्त 2.0 = दर्शन + विज्ञान + 0
हाँ — बिल्कुल यह तीनों का एकमात्र प्रतिनिधि है।
तत्व क्या देता है? वेदान्त 2.0 में
दर्शन अर्थ, उद्देश्य, चेतना ✔
विज्ञान नियम, प्रमाण, प्रक्रिया ✔
0 (आत्म-शून्य) मूल अस्तित्व, स्रोत ✔
---
✧ वेदान्त 2.0 — परिभाषा ✧
वेदान्त 2.0 वह दर्शन है
जो विज्ञान को अपनी भाषा बना लेता है
और विज्ञान में आत्मा की उपस्थिति सिद्ध करता है —
साथ ही जीवन का लक्ष्य भी देता है।
---
✧ 0 की स्थिति ✧
0 = आत्मा
0 = साक्षी
0 = अचल मूल
> खेल चलता है।
0 देखता है।
और देखना ही खेल का धर्म है।
---
✧ खेल क्या है? ✧
खेल =
ऊर्जा + सूचना + रूप का विस्तार
(यही ब्रह्माण्ड और जीवन)
मनुष्य खेलने नहीं आया,
मनुष्य जानने आया है।
---
🔹अंतिम घोषणा
वेदान्त 2.0 ही वह पूर्ण दृष्टि है
जिसमें वेदान्त, विज्ञान और 0 —
एक ही सत्य बनकर खड़े हैं।
✍🏻 — अज्ञात अज्ञानी
kattupaya s
என்னுடைய புதிய நாவல் யாதுமற்ற பெருவெளி matrubhartiயில் வெளியாகி உள்ளது.
kattupaya s
My New novel yadhumatra peruveli is live now on matrubharti. enjoy and share your feedback
Agyat Agyani Vedanta philosophy
✧ वेदान्त क्या कहता है? ✧
पुराना वेदान्त कहता है:
ब्रह्म सत्य है — जगत मिथ्या है — जीव ब्रह्म ही है।
लेकिन…
• इसमें दर्शन है
• पर वैज्ञानिक प्रमाण कम है
• “कैसे?” का उत्तर धुँधला है
वेदान्त सत्य को कह देता है —
पर प्रणाली स्पष्ट नहीं।
---
✧ विज्ञान क्या कहता है? ✧
विज्ञान कहता है:
ऊर्जा और सूचना ही सब कुछ है।
लेकिन…
• इसमें विधि है
• पर बोध नहीं
• आत्मा और चेतना आगे नहीं बढ़ पाती
विज्ञान कैसे होता है समझाता है —
पर क्यों होता है नहीं।
---
✧ वेदांत 2.0सूत्र: Vedant 2.0 ✧
> क्या वेदान्त 2.0
दर्शन + विज्ञान + 0
— इन तीनों का प्रतिनिधि है?
उत्तर है:
हाँ — बिल्कुल हाँ।
और यही इसकी विशिष्टता है:
तत्व क्या देता है? Vedant 2.0 में?
दर्शन (Vedanta) अर्थ, उद्देश्य, चेतना ✔
विज्ञान (Physics) नियम, प्रमाण, प्रक्रिया ✔
0 (शून्य-चेतना) मूल अस्तित्व, स्रोत ✔
---
✧ वेदान्त 2.0 — इसकी परिभाषा ✧
वेदान्त 2.0 वह दर्शन है
जो विज्ञान को अपनी भाषा समझता है
और विज्ञान में आत्मा की उपस्थिति सिद्ध करता है।
---
✧ 0 की स्थिति ✧
0 = आत्मा
0 = साक्षी
0 = अचल मूल
> खेल चलता है
0 देखता है
और देखना ही
खेल का धर्म है।
---
✧ खेल क्या है? ✧
खेल =
ऊर्जा + सूचना + रूप का विस्तार
(ब्रह्माण्ड और जीवन)
तुम उसे खेलने नहीं आए —
तुम उसे जानने आए हो।
---
🔹एक अंतिम पुष्टि
वेदान्त 2.0 = वेदान्त + विज्ञान + 0
और
वेदान्त 2.0 ही इन तीनों का एकमात्र प्रतिनिधि है।
अज्ञात अज्ञानी
archana
किस किस लेखक और कवि के साथ ऐसा हुआ है
Priya
सुना हैं किसी रोज बहुत अंधेरा होगा
कब्र का खौफ ना रखना एक दिल
वहाँ मेरे सरकार मेरे महादेव की हिफाजत होगी।
Priya kashyap
Yogi Krishnadev Nath
যে কথা আধুনিক চিকিৎসা বিজ্ঞানে বলা হয় না, সে কথাই আমি এই বইয়ের মধ্যে বলেছি। সুগার আজীবনের রোগ নয়। ইচ্ছে করলেই ডায়াবেটিস মুক্ত জীবন লাভ করা সম্ভব। খুব শীঘ্রই বইটি বিভিন্ন অনলাইন প্ল্যাটফর্মে আসছে।
NetramEyeCentre
Seeing life in a whole new way! ✨
Our patient just experienced a life-changing LASIK journey at Netram Eye Centre — and the happiness on their face says it all. 💛
In just 2 minutes, the procedure was completed with precision, comfort, and advanced technology. No pain, no stress — just clear, beautiful vision! 👁️✨
We’re so grateful for the trust our patients place in us and proud to help them step into a glasses-free life.
If you’ve been dreaming of clear vision, your moment is now.
Think LASIK, Think Netram. 💙👓➡️❌
#NetramEyeCentre #LASIK #LASIKSurgery #VisionCorrection #ClearVision #SpecsFreeLife #EyeCare #EyeHospital #DelhiEyeCare #DrAnchalGupta #LaserVision #TouchlessLASIK #SmartSurfACELASIK #VisionTransformation #HappyPatient #Testimonial #BetterVision #SeeTheWorldClearly #NoMoreGlasses #EyesOfDelhi
Yogi Krishnadev Nath
মানুষের পেটের মধ্যে লিভারের নিচের দিকে রয়েছে অগ্ন্যাশয় গ্রন্থী। খাবার হজম করতে এনজাইম তৈরি করা ছাড়াও শরীরের মধ্যে গ্লুকোজ বা সুগারকে নিয়ন্ত্রণ করার ক্ষেত্রে এই অগ্ন্যাশয় গ্রন্থিই হচ্ছে প্রধান হিরো। এর বিটা সেল থেকে নির্গত হয় ইনসুলিন - যা শরীরের সুগারকে কোষের মধ্যে পৌঁছে দিয়ে রক্তে সুগারের মাত্রা ঠিক রাখে। কিন্তু এই ইনসুলিন যখন প্রয়োজনের তুলনায় বেশি হয়ে যায় তখনই দেখা দেয় ডায়াবেটিস মেলাইটাস, যাকে আমরা 'সুগার বেড়ে যাওয়া রোগ' হিসেবে মনে করি। কিন্তু আসল ঘটনা হচ্ছে এটি পুরোপুরিই ইনসুলিন বেড়ে যাওয়া রোগ।
এই বিষয়টি বুঝতে পারলেই ৫০% সুগার ঠিক হয়ে যায়। এই ধরনের গুরুত্বপূর্ণ সমস্ত বিষয়গুলো নিয়েই "মিষ্টি নামের তিক্ত রোগ" বইটিতে আলোচনা করা হয়েছে।
টাইপ–২ ডায়াবেটিস আসলে “সুগার বাড়ার রোগ” নয়, এটি “ইনসুলিন বাড়ার রোগ”। যেই মুহূর্তে শরীরের কোষ ইনসুলিনের সংকেত শোনা বন্ধ করে দেয়, শরীর তখন আরও বেশি করে ইনসুলিন ছাড়তে থাকে; এটাকেই বলে ইনসুলিন রেজিস্ট্যান্স। সুতরাং ডায়াবেটিস ঠিক করতে হলে বাইরে থেকে ইনসুলিন ঢোকানো নয়, বরং এই রেজিস্ট্যান্স ভেঙে শরীরকে আবার ইনসুলিনের কথা শুনতে শেখাতে হবে।
Yogi Krishnadev Nath
ডায়াবেটিস রিভার্স করার পথে একটি বিশেষ পয়েন্টের নাম আপনি খুব কমই শুনেছেন, সেই পয়েন্টটা হচ্ছে HOMA-IR। এখনকার চিকিৎসা পদ্ধতিতে সুগার কমছে কি বাড়ছে - এই নিয়েই যত পরীক্ষা নিরীক্ষা, যত রিপোর্ট ! কিন্তু ডায়াবেটিস আসলে কেন হচ্ছে, শরীরের ভেতরে কী ভেঙে পড়ছে - তার উত্তর দেয় একমাত্র HOMA-IR।
HOMA-IR হচ্ছে সেই আয়না, যেখানে আপনি আপনার শরীরের ইনসুলিন রেজিস্ট্যান্সকে দেখতে পাবেন। এখানে শুধু ব্লাড সুগার কত তা নয়, আপনার শরীর কত পরিশ্রম করে সেই সুগারকে নিয়ন্ত্রণে আনছে, ইনসুলিন কতটা বাড়াচ্ছে - সেটার নিখুঁত হিসাব আপনি পেয়ে যাবেন।
যাদের HOMA-IR বেশি, তারা যতই খাবার কমান, ওষুধ খান, শরীর ততই ইনসুলিন বাড়িয়ে যেতে থাকে। এরফলে শরীরের কোষগুলো আরও বেশি অন্ধ হয়ে যেতে থাকে; এবং সুগার আরও পাগলের মতো ওঠে। এই জায়গাটাতেই প্রচলিত চিকিৎসা ব্যবস্থা চুপ। ডায়াবেটিস রোগীদের সামনে শুধুই দুইটা পথ রাখা হয় - ওষুধ বাড়াও অথবা ইনসুলিন নাও। কিন্তু HOMA-IR-এর কথা কোথাও নেই; কারণ এই একটি মাপকাঠি বুঝলে রোগীরা জেনে ফেলবে - “আমার সমস্যা সুগার নয়, আমার সমস্যা ইনসুলিন।”
আমার বই “মিষ্টি নামের তিক্ত রোগ” - এই অদৃশ্য সত্যগুলোকে একে একে সামনে নিয়ে এসেছে। এখানে শুধু তথ্য নয়; আপনি কীভাবে HOMA-IR কমাবেন, কীভাবে ইনসুলিন রেজিস্ট্যান্স ভাঙবেন, কীভাবে শরীর আবার নিজের হাতে সুগারকে নিয়ন্ত্রণ করতে শুরু করবে - সেই পথ দেখায়। এই বইটি পড়ে আপনি বুঝতে পারবেন ডায়াবেটিস কোনো শত্রু নয়, বরং ডায়াবেটিস হচ্ছে আপনার জীবনের একটি আয়না; যে আয়না দেখে আপনি আপনার জীবনকে নতুনভাবে গুছিয়ে নিতে পারেন।
Yogi Krishnadev Nath
হিমোগ্লোবিনের মাত্রা নর্মাল থাকলে কি কারো শরীরে বাইরে থেকে রক্ত দেওয়া হয় ? না, দেওয়া হয় না। তাহলে কারোর শরীরে ইনসুলিনের পরিমাণ স্বাভাবিক থাকা সত্ত্বেও তাকে বাইরে থেকে ইনসুলিন নিতে বলা হয় কেন ? এই ধরনের ভুল চিকিৎসার কারণে সুগারের রোগীরা কখনোই সুস্থ হতে পারে না।
টাইপ টু ডায়াবেটিস সুগার বাড়ার রোগ না, এটা হচ্ছে ইনসুলিন বাড়ার রোগ। বেশি বেশি ইনসুলিন নিঃসরণের কারণেই শরীরে ইনসুলিন রেজিস্ট্যান্স তৈরি হয়েছে। তাই শরীরের কোষগুলো আর ইনসুলিনকে পাত্তা দেয় না। এই অবস্থায় সঠিক চিকিৎসা হবার কথা ছিল, ইনসুলিন কমিয়ে এনে রেজিস্ট্যান্স ভেঙে দেওয়া। তা না করে উল্টে আরও বেশি করে ইনসুলিন ঢোকানো হয়। এজন্যই সুগার ঠিক হয় না।
"মিষ্টি নামের তিক্ত রোগ" বইটিতে এই ধরনের সমস্ত বিষয়গুলো নিয়েই আলোচনা করা হয়েছে। এই বইটিতে যে সকল বাস্তব অভিজ্ঞতার কথা তুলে ধরা হয়েছে, সেগুলো ফলো করে চললেই একজন মানুষ সুগারের শৃঙ্খল থেকে মুক্ত হতে পারবেন।
এই বই ওষুধ খাওনোর পথ দেখায় না, বরং নিজের শরীরকে আবার সুগার নিয়ন্ত্রণের ক্ষমতা ফিরিয়ে দেওয়ার পদ্ধতি শিখিয়ে দেয়। ডায়াবেটিস থেকে মুক্তি কোনো জাদু নয়, এটা শরীরের স্বাভাবিক বুদ্ধিকে জাগিয়ে তোলার প্রক্রিয়া।
ArUu
किसी एक शख्स का दुनियां हो जाना
ठीक वैसा है जैसा
नदी का तालाब हो जाना
बादल का बारिश हो जाना
पहाड़ का रेत हो जाना
वेदना का उत्सव हो जाना
संसार का सार्थक हो जाना
निशब्द का स्वर हो जाना
अँधेरे का दीप हो जाना
भटकन का दिशा हो जाना
तन्हाई का आश्रय हो जाना
मन की थकन का ठहराव हो जाना
अनकही दुआओँ का असर हो जाना
समर्पण का कहानी हो जाना
पीड़ा का प्रार्थना हो जाना
और
आत्मा का परमात्मा हो जाना
ArUu ✍️
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