Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status
Miska
गुमान तुम्हे है मुझे नहीं
मैं आज भी वहीं हूं जहां कल थी
S A Y R I K I N G
टुटा बिखरा फिर भी रह पाया मैं तेरे इश्क़ में लेकिन हुआ ज़ाया मैं
Parag gandhi
• *જેમનાં સિધ્ધાંત સમૃદ્ધ હોય*
• *તેમનાં ચારિત્ર્ય અમિર હોય*
Praveen Kumrawat
एक सच्ची जोड़ी वह है
जो भगवान राम और माता सीता जैसी हो, जो एक दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ती, चाहे परिस्थितियाँ कुछ भी हों।
- Praveen Kumrawat
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S Sinha
*डा. किरण पांचाल की कविता जिसे , आप भी पढिए , आनन्द लीजिये , अनुभव कीजिये
🥀 मैं रूठा,
तुम भी रूठ गए,
फिर मनाएगा कौन ?🥀
🥀 आज दरार है,
कल खाई होगी,
फिर भरेगा कौन ?🥀
🥀 मैं चुप,
तुम भी चुप,
इस चुप्पी को
फिर तोडे़गा कौन ?🥀
🥀 छोटी बात को,
लगा लोगे दिल से,
तो रिश्ता फिर
निभाएगा कौन ?🥀
🥀 दुखी मैं भी
और तुम भी बिछड़कर,
सोचो हाथ फिर
बढ़ाएगा कौन ?🥀
🥀 न मैं राजी
न तुम राजी,
फिर माफ़ करने का
बड़प्पन दिखाएगा कौन ?🥀
🥀 डूब जाएगा,
यादों में दिल कभी,
तो फिर धैर्य
बंधायेगा कौन ?🥀
🥀 एक अहम् मेरे,
एक तेरे भीतर भी,
इस अहम् को
फिर हराएगा कौन ?🥀
🥀 ज़िंदगी किसको
मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला
रह जाएगा कौन ?🥀
🥀 मूंद ली दोनों में से,
गर किसी दिन एक ने आँखें,
तो कल इस बात पर फिर
पछतायेगा कौन ?🥀
रिश्तों के लिए सब कुछ माफ करें🙏
Nabiya Khan
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🌅 “एक नयी सुबह की रोशनी”
रात की तारीकी जब अपनी चादर समेटती है, तो अफ़क़ (क्षितिज) पर उजाला धीरे-धीरे मुस्कुराने लगता है। यही वह लम्हा है जब नयी सुबह अपनी नफ़ासत और ख़ुशबू के साथ हमारे दरवाज़े पर दस्तक देती है।
इस सुबह में एक अजीब सी रौनक, एक नयी उम्मीद, और दिल को सुकून देने वाली ठंडक छिपी होती है। ऐसा लगता है जैसे ज़िन्दगी हमें फिर से मौका दे रही हो—
मामूली सी दिखने वाली लेकिन महफ़ूज़ और मायनेदार शुरुआत का।
सवेरे की ठंडी हवा, मस्जिदों से आती अज़ान, और परिंदों की चहचहाहट—ये सब मिलकर सुबह को एक रोहानी ताज़गी देते हैं। यह वक़्त इंसान को खुद से मिलने, अपनी रूह को तस्कीन देने और दिल की थकान को मिटाने का मौका देता है।
हर नयी सुबह हमें याद दिलाती है कि
चाहे रात कितनी भी सख़्त क्यों न हो,
उम्मीद का सूरज फिर से तिलिस्मी चमक के साथ उगेगा।
तो आइए—
इस नयी सुबह को गले लगाएँ,
इसके साथ अपनी नई सोच, नई राहें और नए ख़्वाब जगाएँ।
क्योंकि सुबह सिर्फ़ उजाला नहीं लाती,
ये ज़िन्दगी का नया सफ़हा भी खोल जाती है।
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Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
उपहार
मुस्कराहट का उपहार देते रहना चाहिए l
प्यार है तो इज़हार करते रहना चाहिए ll
ज़िदगी आसानी से बशर करने के लिए l
अच्छी आदतों को हमेशा गहना चाहिए ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
Parmar Mayur
🙏🙏જો માં👩🏻🍼,માટી🇮🇳 અને મિત્રો🫂🇷🇺 નું ઋણ ઉતારવાનો મોકો મળે તો કદી ખોવો ના જોઈએ.🦚🦚
🇮🇳 world soil day 🇮🇳
- Parmar Mayur
Soni shakya
सुप्रभात
- Soni shakya
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹
Meghna Sanghvi
પોતાનો પડછાયો જોઈને વિચારતો કાગડો 😜
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है 🌹 इत्र
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
जीवन के इस समर में, होती उसकी जीत। हटकर जो इस जगत से, रखता हरि से प्रीत।।
दोहा--337
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'
Raj Shah
મનગમતી વ્યક્તિની યાદો સાથેનું એકાંત પણ અવસર જેવું હોય છે.
😊😊😊
chanchal meena
about the women
Yamini
Your life is your Teacher, It always Teaches lessons in the journey of life.
Raj Phulware
IshqKeAlfaaz
हर मंजर हाथ से
Vedanta Two Agyat Agyani
""AI भी वहीं अटक गया।
विज्ञान भी वहीं शर्मा गया।"
जब “मैं हूँ”—तो भगवान नहीं है।
तभी संसार बनता है। माया बनती है।
जब केवल “मैं हूँ”—ईश्वर गायब हो जाता है;
और जब केवल “वह है”—मैं गायब हो जाता हूँ।
इसलिए यह खेल अद्भुत अलौकिक या माया संसार या लीला स्वर्ग है।
तुम सिर्फ़ देखते हो। दृष्टा हो।
दिखता है कि अस्तित्व खेल रहा है।
इंसान उस खेल का दर्शक बन जाता है—
और दर्शक ही “मैं” है।
पर असली सत्ता “वह” है।
मानक:
जैसे जाति का कोई प्रमाण नहीं—
फिर भी कागज़ तय कर देता है कि तुम कौन हो।
शरीर नहीं, नाम नहीं—
सिर्फ दृष्टा प्रमाण है।
जो देख रहा है वही ईश्वर का प्रमाण है।
हम दृष्टा तो कागज़ हैं।
कागज़ पर लिखा हुआ सत्य जैसा लगता है—
लेकिन अक्षर गलत हैं, बदल सकते हैं, बदल जाते हैं।
क्योंकि परिवर्तन शाश्वत नियम है।
समस्या यहीं है—
जो कागज़ लिखने के लिए था, दृष्टा था
लेकिन वाह दृष्टा कभी बना ही नहीं जो आह गुरु घंटाल धार्मिक है।
वह जिसने देख दृष्टा बना बोध नहीं अनुभव नहीं कहने लगा " रम कृष्णा कबीर बुद्ध गीता रामायण वेद सत्य है इसी प्रचार मे धार्मिक बन जाता है कहानी प्रवचन सब उस असत्य माया के हिस्सा जिसे आज हो धर्म कहते है ।
वह बताने लगा—राम भगवान हैं,
यह धर्म सत्य है,
यह मंदिर पूजा सत्य है,
यह वेद-उपनिषद-गीता सत्य है…
जो लिखा है वह सत्य है—
ऐसा कागज़ कहता है। जिसी दृष्टि बनने प्रमाण बनना थे बौद्ध करना था।
मानव जाति कै जन्मों सा भर हुआ क्या सत्य हैं बस ये धार्मिक उस धारणा उस मान्यता को मजबूत रखते है लोगो की दृढ़ा भावना मजबूत रहे जो जो मान्यता है धारण वह सत्र बनी रहे तब दुनिया उसका प्रचार उसी गुरु धार्मिकभगवान गुरु धर्माचार्य बना देता है।
लेकिन वे सत्य नहीं हैं।
कागज़ का होना ठीक है।
लेकिन लिखा बदल जाता है, बदला जा सकता है, मिट सकता है।
समझो, मैं लेख लिखता हूँ लेकिन उसकी परिभाषा, उदाहरण—
कल बदल जाएगा।
कल उदाहरण मर जाएगा।
लिखा हुआ बदल जाएगा।
कोरा कागज़ ही सत्य है।
कोरा पर कुछ नहीं लिखा—वह सत्य है।
या कागज़ पर 0 लिख दो—यह सत्य है।
लेकिन ईश्वर अलग है।
ईश्वर का कागज बोधी है, दृष्टा है।
मूल सत्य का बोध है।
मूक सत्य का कागज़ प्रमाण है।
लेकिन मूल सत्य भी कागज़ नहीं है।
अगर कागज़ ही ईश्वर बन गया—
तो फिर क्या लिखा जाएगा?
तब कोई लिखेगा— जैसे बात पूरा होगी
यह भगवान सत्य है, यह धर्म सत्य है।
और दूसरा धार्मिक कहेगा—
नहीं, जो लिखा है वह नहीं;
मैं ही सत्य हूँ, मैं गुरु हूँ, मैं भगवान हूँ।
यह वह कागज़ पर नहीं लिखता—
यह बोलने लगा “मैं ही भगवान हूँ, मेरी संस्था का सदस्य पुण्य की प्राप्ति है।”
यही भाव आज है—यही धर्म आज है ।
लाखों गुरु चिल्ला रहे हैं “मैं भगवान हूँ।”
और फिर युद्ध शुरू होता है—
क्योंकि मानव—कागज़—
स्वयं सत्य बनने लगता है।
पहले लिखा हुआ सत्य बना,
फिर लिखने वाला सत्य बन गया—
और भीड़ कहती है,
“ये गुरु देव ही हमारे गुरु ही परमात्मा ईश्वर अवतार हैं।”
यही आज के धर्म की स्थिति है।
किसी को बोध नहीं,
कोई दर्शन नहीं—
बस संस्थाएँ, आचार्य, सद्गुरु, आशाराम, कृपाल, श्रीश्री—
सब भगवान गुरु बना दिए गए।
जब मैंने AI से पूछा—
“धार्मिक कौन? वो कैसे सत्य हैं?”
AI ने प्रमाण ढूँढने की कोशिश की—
5 करोड़ फ्लॉवर, 1000 पॉइंट,
100 करोड़ की मालिकी,
इसलिए सत्य। इसी वजह से भगवान हैं। गुरु है लोगों की बहुत फायदा हुआ, फायदा संसार व्यापार हैं धर्म नहीं!
पर सत्य का प्रमाण फ्लॉवर नहीं होता।
संपत्ति नहीं।
केंद्र पॉइंट नहीं।
ये सत्ता-व्यापार के बिंदु हैं।
तब AI भी वहीं अटक गया।
विज्ञान भी वहीं शर्मा गया।
अक्षर झूठे हैं,
क्योंकि वे अस्थायी हैं।
कागज़ भी सत्य का संकेत है।
जिसने जाना “मैं कोरा कागज़ हूँ”—
उसने जाना
हर लिखा हुआ मिट जाता है,
शब्द धूल बन जाते हैं।
जो लिखा जा सकता है वह सत्य नहीं—
वह बस जाति, पहचान, मान्यता है।
सत्य वह है जिसे लिखा नहीं जा सकता।
मनुष्य की औक़ात—
मात्र एक कागज़ की है।
कागज़ अदृश्य सत्ता को देख रहा है—
पर उस पर लिखा सब बदल जाता है।
रूप, कल्पना, शब्द—सब क्षणिक हैं।
जितना लिखा, उतनी उलझन।
जितना सिद्ध किया, उतना अंधकार।
जितनी व्याख्या, उतना फँसाव।
जितना ज्ञान, उतना भ्रम।
अंत में
प्रमाण वही है जो देख रहा है।
कागज़ भी उसी का हिस्सा है।
रहस्य स्पष्ट है—
पर शब्द मिटते ही असत्य हो जाता है।
सत्य बस यह है—
मैं नहीं।
केवल “हूँ।” यह केवल दृष्टा हूं।
और वह—जो बौद्ध वाह सत्य “है।”
“हूँ” नीचे की मात्रा,
“है” ऊपर की मात्रा।
मैं—कहीं नहीं।
मैं मिटा कि हूँ…
और ‘हूँ’ भी गिर जाता है—
सिर्फ ‘है’ सत्य है।
यह दब कुछ केवल सत्य है उसका अतिरिक्त दूसरा कुछ नहीं ।
𝙑𝙚𝙙ā𝙣𝙩𝙖 𝙎𝙖𝙛𝙖𝙧 𝙑𝙚𝙙ā𝙣𝙩𝙖 𝙎𝙖𝙛𝙖𝙧 — 𝘼 𝙅𝙤𝙪𝙧𝙣𝙚𝙮 𝙞𝙣𝙩𝙤 𝙄𝙣𝙣𝙚𝙧 𝙁𝙧𝙚𝙚𝙙𝙤𝙢 (वेदान्त सफर — भीतर की स्वतंत्रता की यात्रा) 𝙑𝙚𝙙ā𝙣𝙩𝙖 2.0 © 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲
#𝕍𝕖𝕕ā𝕟𝕥𝕒 #agyatagyaani #osho #life #ईश्वर #अनुभ
Raj Phulware
IshqKeAlfaaz
प्यार इस कदर..
Pandya Ravi
શિયાળાની ગુલાબી ઠંડી
અને સાથ હોય
હમસફર નો .
- Pandya Ravi
pink lotus
chhodne vale
chhod hi jate he
chahe tum apni jaan hi kyu na dedo 🥀💔
by:someone
Payal Author
तुम होने से…
जब तुम पहली बार मेरे पास से गुजरे थे,
बिना कुछ कहे भी दिल तुमसे बातें कर आया।
अजीब-सा सुकून था तुम्हारी मौजूदगी में,
जैसे दुनिया ठहर गई हो…
और बस तुम ही चल रहे हो मेरे दिल की धड़कनों की रफ़्तार पर।
तुम जानते भी नहीं,
तुम्हारी छोटी-छोटी मुस्कानें
मेरे हर बदले हुए मूड की वजह बन गईं।
कभी तुमने मेरा हाथ नहीं थामा,
पर मैं हर मुश्किल में
तुम्हारे होने का हौसला पकड़े चलती रही।
तुम वो वजह हो,
जिससे मैं खुद को थोड़ा और पसंद करने लगी,
क्योंकि तुम्हारी आँखों में
मैंने अपनी सबसे ख़ूबसूरत झलक देखी है।
तुम्हारा नाम सुनते ही
मेरे चेहरे पर जो मुस्कान आती है,
काश तुम देख पाते—
वो मेरी रूह तक उतर जाती है।
अगर इश्क़ एक कहानी है,
तो तुम उसकी वो लाइन हो,
जिसे पढ़कर लगता है—
आख़िरकार, सब कुछ ठीक हो जाएगा।
तुम हो… तो ज़िंदगी
सिर्फ़ गुज़रने के लिए नहीं,
जीने के लिए लगती है।
Mrs Farida Desar foram
हजारों की भीड़ में,
नज़र एक शक्स को ढूंढती हे,
ए दिल इसे ही,
मुहब्बत कह्ते है शायद...
- Mrs Farida Desar foram
pink lotus
bear... may be one day u see this post
me abhi bhi yhi hu
jaha chhoda gya he
aapke dhvara
just trust me . plz.
me abhi bhi vhi hu
jo blindly trust karti he
but sirf aap pr
me wait kr rhi hu
vhi jaha chhoda he
( yh post sb ke liye nhi he kripiya maafi chahti hu age aapki feed me aayi to) 🙏❣️
Paagla
PAAGLA – A heart that speaks through words. 💭✨ Sharing emotions, shayari, quotes, and stories that touch your soul. From love to pain, from motivation to dreams – here, every line is written to connect with your heart. ❤️📖
Paagla
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Paagla
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Parmar Mayur
કોઈનું આગમન જ્યારે હદયની ભીંતર થાય છે
પછી ખાલીપો, એકલતાની ફરિયાદ દૂર થાય છે?
- Parmar Mayur
Nisha ankahi
वक़्त सबको मिलता है,
ज़िंदगी बदलने के लिए…
पर ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलती,
वक़्त बदलने के लिए।
- Nisha ankahi
S A Y R I K I N G
में नफरतों के जहां में जुदा रहूंगा
तो क्या करुंगा
ठीक कहते हो में बेवफ़ा हु
वफ़ा करूंगा तो क्या करुंगा
S A Y R I K I N G
ठंडा मौसम हल्की बारिश
हाथ में उसका हाथ था
चंद कदम हम साथ चले
जब नीद खुली तो जाना सिर्फ़ ख़्वाब था
ek archana arpan tane
મળી જાય બધું જરૂરી નથી દુર રહી પણ એ હરપળ મારી સાથે છે દીવાળી મનાવવા એટલું જ કાફી છે.
- ek archana arpan tane
S A Y R I K I N G
शादी के बाद अगर माँ बाप और भाई बहन
बुरे लगने लग जाये तो मुबारक हो मेरे दोस्त अपने ग़लत जीवन साथी
का चुनाव कर लिया
NR Omprakash Saini
नख से प्रियतम पीठ उकेरे, लाल लकीरें खींचे।
दंश बने वे सुख की ज्वाला, वासना को सींचे॥
NR Omprakash Saini
चरमोत्कर्ष
तन पर तन जब टूट पड़ा तब, प्रलय नृत्य-सा छाया।
सागर-सी गहराई लेकर, दोनों ने रस पाया॥
साँसों की गति तेज हुई जब, कंपित हुए निखिल अंग।
रति-कामिनी और रति-नाथ ने, साध लिया मधुर संग॥
क्षण-क्षण बनकर वज्र घुला जब, सुध-बुध सारी खोई।
पल-पल में अनहद आनंदित, लहर उठी अघि-रोई॥
मदमस्त प्रेयसि गिरकर बोली — “रोक न अब उर-तृष्णा।”
प्रिय आलिंगन में डूब गया, बनकर अनंग-कृष्णा॥
उस रजनी की स्मृति अमर हो, गूँज उठे संसार।
तन-मन आत्मा एक हुई थी, रति-रस का आधार॥
NR Omprakash Saini
नख-शिख वर्णन
नाभि-कूप में बूँद चमकती, स्वर्ण सुधा की धारा।
जंघा-जंघा की गहन गुफा में, तृषा हुई इकतारा॥
अंग-अंग में चुम्बन बिखरे, पुष्प निखरते जाएँ।
नख-शिख तक प्यास समेटे, आँचल गिरकर छिपाए॥
वक्षस्थल पर थरथर कंपित, झील लहर-सी बोले।
कुंचित पांवों में गुँजित घुँघरू, देह को सुख से डोले॥
साँस-साँस जब ज्वाला बनकर, जलने लगी दिशाएँ।
वासना के तूफानी झोंके, तन को मदन चढ़ाएँ॥
NR Omprakash Saini
चुम्बन व नेत्र-भाषा
अधर-अधर पर झुके सलोने, मधु-रस टपकने पाए।
प्रियसी बोली मौन हृदय से, "और समीप ही आए॥"
ज्योति-ज्योति से जुड़कर बोली, नेत्र-कमल की भाषा।
स्पर्श-स्पर्श में लिख गई मन की, काम-रसिल अभिलाषा॥
कुंतल-गुच्छ खिंचकर बिखरे, वक्ष उठे थर्राकर।
श्वासों के तूफ़ान जगे जब, देह हुई अंगार॥
मदिरा-से अधर घुल गए फिर, जिह्वा जिह्वा लिपटी।
लज्जा की मर्यादा टूटी, वासना नभ में चढ़ती॥
NR Omprakash Saini
काम रति काव्य
आलिंगन
रजनी ओढ़े चाँद सजीला, फूल लुटाएँ गंधी।
शीतल पवन सँवारे केशों, झूम उठे हर कली॥
प्रियतम ने आलिंगन कसकर, तन को तन से बाँधा।
नयनों से नयनों को पीकर, हृदय-तरंगों साधा॥
स्पर्श जगा जब रोम-रोम में, वासना की धारा।
कंपित उर पर श्वास घुली तब, मत्त हुई मधुहारा॥
दृग-दृग में दीपक प्रज्वलित, अग्नि बनी संयोगी।
आलिंगन में जगत भुलाकर, खो गए अनुरागी॥
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
અછાંદસ કાવ્ય:– શીર્ષક: "માટીનો ભેદ"
ઘડનારા એ જ્યારે ચાકડો ફેરવ્યો હશે,
ત્યારે ક્યાં હાથમાં કોઈ ત્રાજવું હતું?
એણે તો બસ શ્વાસ ફૂંક્યો ને માણસ સર્જ્યો,
ના કોઈ ‘હું’ હતું, ના કોઈ ‘તું’ હતું.
આ તો નીચે ઉતરીને આપણે ચિતર્યા નકશા,
અભિમાનની વાડ બાંધી, નામ આપ્યું ‘તફાવત’.
કોઈ મથુરાના મોહમાં, કોઈ ગોકુળના સ્નેહમાં,
પણ જેને છોડતાં આવડ્યું, એ જ પામ્યો ‘જગતગુરુ’નું પદ.
તું કહે છે, “આ મારું, પેલું તારું”,
પણ અંતે તો રાખમાં ક્યાં કોઈ રંગ હોય છે?
સુખમાં ભાગીદાર ઘણા, પણ દર્દમાં એકલા,
ત્યાં પણ વળી પાછો આ તફાવતનો સંગ હોય છે!
ખરેખર તો...
આ અદલા-બદલીના ખેલ તો માણસે રચ્યા છે,
બાકી ઉપરવાળાની નજરમાં તો,
બધા જ ‘સ્વયમ’ભુ’ના અંશ છે,
ત્યાં ક્યાં કોઈ ભેદ કે ભરમ બચ્યા છે?
અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ"
Akash Gupta
तुमने भी ना समझा तो अब मलाल किस बात का।
सब कुछ तो बता चुके है तुम्हे फिर सवाल किस बात का।
कहने को जो कुछ भी बचा हो कह डालो मर गये तो फिर सवाल किस बात का।
आया था कोई जो छोड़ गया बीच मजधार मे।
फिर तुम मिले तो लगा अब इन सवालों का क्या करे।
तुममे हि देख ली दुनिया सारी।
क्या हि मिला मेरे इस ख्वाब का।
गर जाना चाहते हो मुझसे दूर
तो फिर मेरे मरने का क्या।
रहेगा इंतजार सिर्फ तुम्हारा ।
मेरे इन जवाबो का क्या।
बार बार तो नही होगी हमसे मोहोब्बत हर किसी से।
जो बची थी वो तुम पर लुटा दी।
तुम्हे जाना है तो जाओ ।
मेरे जिंदा रहना या मर जाने का क्या।
Akash Gupta 😞✍️
Akash Gupta
तुम्हे तो सबकुछ बताना था।
क्या हो रहा मेरे साथ क्या हुआ है सब बताना था।
खो जाना चाहता था इस भीड़ से बस तेरे साथ जीना था।
हा टूटे हुए थे तुम टूटे हुए थे हम इसी लिए तुम्हारे साथ दिल लगाना था।
सोचा था की समझोगे हमे बिना बातये बस इस लिए ये टूटा हुआ दिल देना था।
क्या पता था की तुम कही और व्यस्त हो जाओगी।
तुम्हे जबरजस्ती नही प्यार से पाना था।
खोया रहता हु इस तन्हाई की दुनिया मे।
बस थक हार कर तेरे गोद मे सोना चाहता था।
लोग रुला जाते है किसी ना किसी बात पे ।
मै तुम्हे छोटी छोटी बातो मे हसना चाहता था।
लाख बुराइयाँ होंगी मेरे अंदर क्युकी खुदा नही हु मै ।
बस तुम समझो मुझे और मै तुम्हारे गले लग जाना चाहता था।
क्या हुआ क्या नही सब भूल कर मै आगे का सफर तुम्हारे साथ बिताना चाहता था।
क्या कहु कैसे कहु प्यार जो बचा था सिर्फ तुमपर लुटाना चाहता था।
जाओ अभी आजमा लो इस दुनिया को तुम।
इंतजार तुम्हारा है और रहेगा मै तो सिर्फ तुम्हे गले लगाना चाहता था।
बदल देती है हवाएं पानी की दिसा।
मै तो सिर्फ तुम्हे इस मतलबी दुनिया से बचाना चाहता था।
कास समझते तुम मेरे इस प्यार को मै दुनिया को दिखाना नही सिर्फ अपने पास छिपाना चाहता था।
..............Akash Gupta ✍️
S A Y R I K I N G
जो लोग मुझे हल्के में ले रहे हैं ना
यकीन मानो
26 दिन बचे है में फाड़ दूंगा
इस साल का कैलेंडर
नया साल आने वाला है ना
Ajit
જિંદગી જીવવા માટે તારો સાથ માગ્યો હતો યાર......
તે તો સાથની જગ્યાએ શૂન્યતા આપી દીધી યાર.......
જિંદગી ની યાદ
- Ajit😭
Awantika Palewale
ન પૂછો વાત હવે, જો મૌન થઈ જાવ તો ગમશે તમને?
કે વીતેલા સમયની ધૂળ પર નામ લઈ જાવ તો ગમશે તમને?
હૃદયમાં સાચવેલા શબ્દની કિંમત નહીં કરીએ,
ફકત આંખો થકી બસ, વાત કહી જાવ તો ગમશે તમને?
અને તમ હાથમાં છે આબરૂ આ કાયમી મારી,
હું મારી જાતને બેબાક સહી જાવ તો ગમશે તમને?
ખુશીમાં યાદ ના આવ્યા, ગમની મહેફિલ સજાવી છે,
નજર ઝુકાવીને જો આંસુ લૂછી જાવ તો ગમશે તમને?
તમારા ઘરની સામેથી પસાર થાવ એવી ઈચ્છા છે મારી,
ફકત એકવાર જો પાછળ તમે જોઈ લો તો ગમશે તમને?
હજી લાગણીના તાંતણા જો ક્યાંક બાકી હોય દિલમાં,
હું મારી આ કહાણી મૌનમાં કહી જાવ તો ગમશે તમને?
kattupaya s
Good evening friends have a nice time
Dhara K Bhalsod
દોસ્તોને છુટાછેડા,,,આપી શકાતાં નથી,
કારણકે,,
તેઓ હસ્તમેળાપ થી નહિ,,
પણ
મનમેળાપથી મળ્યા હોય છે.
🍁🍁🍁
- Dhara K Bhalsod
Dhara K Bhalsod
લાગણી સમજવા શબ્દની કયા જરૂર છે
વાંચતા આવડે તો આંખ પણ કાફી છે.
🎊🎊🎊
- Dhara K Bhalsod
Bk swan and lotus translators
That's a wonderful aspiration! While there isn't a single, universally recognized "mantra" specifically from classical texts guaranteeing success in the acting field, there are several powerful concepts and deities associated with arts, performance, wisdom, and overcoming obstacles in Hindu and Vedic traditions.
Many actors and performers seek blessings from these deities or practice specific mantras to enhance their skills, clarity, and fortune.
Here are a few significant approaches:
🌟 Mantras for Arts, Wisdom, and Performance
1. Saraswati Mantra (For Creativity, Speech, and Learning)
Goddess Saraswati is the deity of knowledge, music, arts, wisdom, and eloquence (Vak). She is often sought for success in any field requiring artistic skill and powerful speech.
* The Simple Mantra (Bīja Mantra):
Pronunciation: Om Aim Saraswat-yei Namah
Meaning: Salutations to Goddess Saraswati.
* For Clarity and Eloquence:
Meaning: O Auspicious Goddess Saraswati, the embodiment of knowledge with lotus-like eyes, O Goddess whose form is the universe, the one with large eyes, I bow to you, grant me knowledge.
2. Lord Ganesha Mantra (For Removing Obstacles)
Lord Ganesha is the Vighnaharta (remover of obstacles) and the God of new beginnings. Success in a challenging field like acting requires clearing hindrances and ensuring smooth progress.
* The Simple Mantra:
Pronunciation: Om Gum Ganapat-a-yei Namah
Meaning: Salutations to the Lord of Hosts, Ganesha.
* For Successful Commencement:
Meaning: O one with a curved trunk, a massive body, and the brilliance of a million suns, please make my undertakings free of obstacles, always.
3. Gayatri Mantra (For Illumination and Success)
Though a universal prayer, the Gayatri Mantra is often chanted for gaining clarity, focus, inner light, and supreme wisdom, which are crucial for interpreting complex roles and delivering compelling performances.
🙏 A Practical "Mantra" for the Actor
Beyond the spiritual chants, the most effective practical mantra for success in any field, including acting, is often summarized as:
> "Shraddha (Faith), Saburi (Patience), and Sadhana (Consistent Practice/Effort)."
>
* Faith: Believing in your dream and your talent.
* Patience: Knowing success in the arts is a long journey and being resilient through rejections.
* Practice: Constantly honing your craft (acting, dance, voice, observation) and networking.
If you are looking for a powerful daily mantra to adopt, I would recommend the Saraswati Mantra for enhancing your core artistic abilities and speech.
Would you like to know more about the proper way to chant a mantra or a specific prayer for a particular deity?
pink lotus
**“इन गहरी आँखों में
हज़ारों ख्वाब सजाए बैठे थे,
कहाँ पता था
कि हम अपनी ही दर्द की दास्तां रचाए बैठे थे।
वो दिल में ऐसे समाए
कि रूह निकल जाए, तब भी न जाए,
और ज़िंदगी से ऐसे गए
कि मुस्कुराहट के साथ
आँसू और ख़ामोशी भी ले गए.
“हँसने तक तो ठीक था,
पर इस दर्द में सहारा देने वाले
आँसू और ख़ामोशी को भी
साथ ले गए।” 🥀
by:pinklotus🌸❣️
bhagwat singh naruka
गुलाब देने से ही अगर मोहब्बत होती तो ,आज माली पूरे शहर का महबूब होता ।।😃😃📚📚📚📚✍️✍️✍️
S A Y R I K I N G
मेरी आंखों में न ढूंढा करो आशु मेरे
मैने सीने में छुपा रखा है अपना दर्द सारा
S A Y R I K I N G
अखबार वाला
सुबह सुबह अख़बार वाले को देखा तो महसूस हुआ की हम चाय के वक़्त अख़बार का इंतज़ार करते हैं और तसल्ली से चाय की चुस्कियाँ खबरों के साथ लेते हैं।
सोचता हूँ
ये अख़बार वाला सुबह कितनी जल्दबाजी में चाय पीता होगा?
चाय पीता भी होगा या नहीं?
Sweta Pandey
यूँ ही बेवक्त..
नज़रें आईने को देख लेती हैं,
चमक आखों में है..
या आईने में कोई और आया है ।
- Sweta Pandey
pink lotus
**“Haay ye zamana,
Dil se hai hara,
Dil ko hi toda,
Aur dil ko sambhala.
Juthe sare sapne dikhaye,
Sapno ne uljhe hum,
Khud ko bhi hare.”** 🥀
by :pink lotus ❣️🌸
S A Y R I K I N G
तुम सामने हो और, मैं पलक भी झपक दूं, तो मुझे बेवफ़ा करार दे देंना......
S A Y R I K I N G
आंख में काजल
नाक में नथ
होठों पे लाली
गाल पे तिल
यार दिल न देते तो जान से जाते
सामने थे हथियार बहुत
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
Gautam Patel
Mannat Noor Punjabi songs
महेश रौतेला
समय अभी तो महल रचेगा
महल बनाकर ध्वस्त करेगा,
जीवन में आग लगाकर
उसे हवा दे तीक्ष्ण करेगा।
सब नदियों में बहा करेगा
तीर्थ बनाकर पवित्र बनेगा,
विशाल समुद्र में थमा रहेगा
सबके हाथों बँटा करेगा।
टूट- फूट में रमा करेगा
जीवन से बहा करेगा,
सूखी लकड़ी वह जलाकर
स्वयं सदा गरम रहेगा।
किसी युद्ध से नहीं डरेगा
भू-जीवन पर चला करेगा,
महल बनाकर राज करेगा
ध्वस्त हुआ तो नया रचेगा।
*** महेश रौतेला
khwahishh
आऊं जो तेरे रूबरू मैं अपनी पहचान पा लेती हूं।
तू मेरे हर रूप से वाकिफ है।
जो दुनिया से परे है वह तू देख पता है।
एक तू ही तो है जो मेरा हर रंग समझ पाता है।
तेरी सूरत तो नहीं देखी पर तू कुछ मुझसा ही लगता है।
मैं जिस हाल में आऊं तेरे सामने तू मुझे वैसा ही दिखता है।
यह तारीफ है तेरी कुछ मेरी बुराई है।
तू दर्पण है तेरी फितरत है औरो सा ढलना।
मैं तो इंसान हूं खुद को तुझसा कर नहीं पाती।
बस यही एक हुनर मैं तेरा हासिल कर नहीं पाती।
khwahishh
हर्फ़ भी हश्र पे मेरे खामोश हो गए, देखो! उनकी आंखों में हया का एक कतरा भी ना छलका।
- khwahishh
Priya
तुझें याद ना मेरी आई
किसी से अब क्या कहना
दिल रोया की आंख भर आई
किसी से अब क्या कहना।
khwahishh
मिटा दिए हैं वह सारे निशान जो तुझ तक पहुँचने का रास्ता बनाते थे अब तेरी गली से दोबारा हम ना गुजरेंगे।
- khwahishh
khwahishh
यूँ लिख कर मिटा देते हैँ, ख्वाहिशों को पन्नों से,
जैसे कोई अरमान कभी दिल मैं जगा ही ना हो।
- khwahishh
khwahishh
मैं जख्मो के लिबास नहीं पहनता,
शायद इसलिए, कोई मेरी खैरियत नहीं पूंछता।
- 𝓴𝓱𝔀𝓪𝓱𝓲𝓼𝓱𝓱
Kaushik Dave
અફસોસ છે અમને કોઈ સમજતું નથી
દર્શન કરે છે દરરોજ તો પણ સમજતું નથી
સાથે શું લાવ્યા હતા ને શું લઈ જવાના છો
સારા કર્મોની સુવાસ ફેલાવીને જ જશો!
રહી જશે ધન દોલત ધરતી ઉપર જ
ભસ્મ થઈ જશે શરીર પણ ધરતી ઉપર જ
સાથે લઈ જવા માટે કશું રહેવાનું નથી
આત્મા તો પરમાત્મામાં ભળી જવાનો છે
તો પછી તમે સાથે શું લઈને જશો
પ્રેમથી રહો સંબંધો જાળવીને રહેજો
- કૌશિક દવે
- Kaushik Dave
Ravi Bhanushali
પ્રભાતની પહેલી કિરણ જમીનને સ્પર્શે,
શાંત આકાશમાં પંખીઓની રણકાર વરસે,
ઠંડા પવનમાં કોઈ અજાણી સુગંધ વહે,
અને મનમાં એક જ ભાવ ઉપજે—
“આજે બાપા આવશે…
આજે હૃદય ઉજળું બનશે…”
ગામના દરવાજે ધુપની સુગંધ ફેલાય,
ઘરમાં ઘરમાં મંગલ ધ્વનિ ગુંજે,
બાળકો રંગોળી દોરી સ્મિત વહેંચે,
અને સ્ત્રીઓની આંખોમાં ભક્તિ ઝણે.
આવું લાગે કે—
જેમ પૃથ્વી પર ઉતરી આવ્યો હોય સ્વર્ગનો આભૂષણ,
ગણનાયક, વિઘ્નહર્તા, દયાલુ ગજાનન.
તમારા મોટા કાન, બાપા,
માણે જીવનનાં રહસ્યોને સાંભળે છે.
ભક્તોની હળવી હાકલ હોય કે
હૃદયની અંતર્મથી નીકળેલી પીડા—
તમારી પાસે કંઈ છુપાતું નથી.
તમે સાંભળો દરેકનું દુઃખ,
તમે વોળાવો દરેકની ખુશી,
તમે દેવ ન હોવ, તમે તો ઘરનાં સભ્ય છો,
જે દરેક દિલની ધડકનમાં વસો છો.
તમારી સૂંઢમાં સૌમ્યતા,
તમારા મુખ પર કરુણાની રેખા,
અને તમારી આંખોમાં શીતળતા—
જાણે જીવનની દરેક ચિંતા ઓગળી જાય.
તમારો એક દર્શન,
અને મનની અંદર જામી ગયેલા અંધકારને
સૂર્યકિરણની જેમ તોડી નાખે.
તમારું વાહન—નાનું મૂષક,
પણ અર્થ બહુ મોટો ધરાવે છે.
જાણે શીખવે કે,
“નાનું કે મોટું કંઈ નથી,
જે સચ્ચા હૃદયથી સેવા કરે,
તે જ મહાન બને છે.”
જીવનમાં કદ નહીં,
કૃત્યનું મૂલ્ય જ મોટું હોય છે.
મોદક—તમારી પ્રિય પ્રસાદી,
જેની સુગંધ મન સુધી પહોંચી જાય.
મીઠાશ માત્ર જીભ પર નથી,
તે તો આત્માને મીઠી બનાવી દે છે.
જેમ તમે ભક્તોને આશીર્વાદ આપો છો,
તેમ મોદક હૃદયમાં પ્રેમ પહોચાડે છે.
દરેક ઘરનાં રસોડામાં,
દરેક માતાના હાથમાં,
પ્રેમથી બનતો મોદક—
જાણે તમારા માટે માત્ર ભેટ નહીં,
એક પ્રાર્થના હોય છે.
ગણેશચતુર્થીનો તે દિવસ—
જેમાં દરેક રસ્તે ઉજાસ છલકાય,
શોભાયાત્રાનું નાચતું પગલું,
ઢોલ–નગારા ગૂંજાવતી ગતિ,
અને ભક્તોની આંખોમાં ઝળહળતી આશા.
કોઈ માતા પ્રાર્થના કરે પુત્ર માટે,
કોઈ વૃદ્ધ કહે આરોગ્ય માગે,
કોઈ વિદ્યાર્થી સફળતાની આશા રાખે,
કોઈ ગરીબ માનવી રોજીની રોશની માગે—
અને તમે, બાપા,
બધાની હૃદય–પોકાર સાંભળો છો.
વિસર્જનનો સમય આવે ત્યારે,
પગ થંભી જાય, આંખો ભીનાં બની જાય.
જાણે તમારા વિદાયથી
ગામમાંથી પ્રકાશ ઘટાડાય.
પણ તમે શીખવાડો કે—
“હું જાઉં છું, પણ હું છૂટી ન જાઉં.
હું તો તમારા હૃદયમાં વસું છું.”
માટીનું મૂર્ત સ્વરૂપ જાય,
પણ ભક્તિના મર્મનું તેજ નહીં ઓગળે.
તમારો આશીર્વાદ તો
દરેક ઘરની દિવાલોમાં ગુંજે છે.
દરેક સવારે સાંભળાય
“ગણપતિ બાપા મોરયા!”
અને ઘરના હૃદયોમાં જીવંત થઈ રહે
સમૃદ્ધિ અને શાંતિની આશા.
તમારા ચરણોમાં બેસીને,
મન ને એક જ ભાવ થાય—
કે જીવનમાં સચ્ચાઈ અને ધર્મ,
પ્રેમ અને દાન,
સહનશીલતા અને દયાળુતા—
આ બધું જ સૌથી મોટી ભક્તિ છે.
ભક્તિ માત્ર વાતોમાં નહીં,
પરોપકારના કાર્યમાં વસે છે.
હે બાપા,
તમારી સામે ઊભા રહી
હું એક જ પ્રાર્થના કરું છું—
મને એવુ હૃદય આપો,
જેમાં કોઈ માટે દ્વેષ ન રહે.
મને એવુ મન આપો,
જે હંમેશા સારા વિચારો જન્માવે.
મને એવુ જીવન આપો,
જે સેવા અને સાચા માર્ગ પર ચાલે.
મને એવુ સંકલ્પ આપો,
કે દરેક મુશ્કેલીમાં હિંમત રહે
અને દરેક સફળતામાં નમ્રતા.
તમારા એક નામથી
મારો સમગ્ર દિવસ પ્રકાશિત થઈ જાય—
“વિઘ્નહર્તા ગણપતિ બાપા,
તમારો આશીર્વાદ હંમેશા અમ પર વરસતો રહે.”
તમે જિવ ની ચાવી છો અનેતમેજ તાળું છો.
મારા શિશ્નની અંદર બસ તમે જ દયાળુ છો.
Soni shakya
मुद्दतों गुजर गई मगर आज भी
वो ठिकाना याद है ..
जहां हम तुम मिला करते थे चोरी चोरी,
हवा में तेरी खुशबू का बहना याद है ..!
नदी किनारे वह तेरे कदमों का
ठहर जाना याद है ..!
वो तेरी आधी -अधूरी बातें
वो तेरे कच्चे-कच्चे वादे ,
पर तेरी आंखों का सब कुछ कह जाना याद है..!
तुम कहते थे चुपके से आ जाना बिना बताए,
तेरा वह धीरे से बुलाना याद है ..!
कभी रूठी थी मैं और टूट गए थे तुम,
फिर तेरे मनाने से मान जाना याद है..!
अब तो बस तन्हाई है और
ख्यालों में तेरा यह कह जाना ,
"सुनो" बस यह राग पुराना याद है..!
मुद्दतों गुजर गई पर ये दिल वही ठहरा है,
जहां हम तुम मिला करते थे चोरी-चोरी..!
- Soni shakya
S A Y R I K I N G
औरतों का दिमाग़ हर मैदान में चलता है
बस एक जगह आ कर फेल हो जाता हैं
आज क्या पकेगा
वहां आ कर सर पकड़ लेती हैं
shah
પ્રેમિકા તેના પ્રેમી સાથે મંદિરે જઈને,
હે ભગવાન જો આ મારો ના થાય તો તમારો બનાવી દેજો...
*😂🤣😂*
S A Y R I K I N G
आज कल लडकियों को भईया भईया
कहने की आदत ज्यादा हो गई है
पानी पूरी वाला भइया
सब्जी वाला भईया
रिक्शे वाला भईया
दूध वाले भईया
आज पड़ोसी की लड़की की सगाई थी
मैने भी पूछ लिया
सगाई किसके साथ हुए हैं
तो बोली
रोज मेट्रो में मेरे साथ आया जाया करता था
वही मेट्रो वाले भईया से
S A Y R I K I N G
जो लोग कहते हैं हमने दुनिया देखी है
उनसे कहना दिखाओ अपना पासपोर्ट
उसने कुछ नहीं देखा गली मोहल्ले में चुगली करने को वो दुनिया कहते हैं
S A Y R I K I N G
शादी करना भी इतना आसान नहीं है जैसे
आज एक गूंगी लड़की का रिश्ता आया उसने भी ना बोल दिया गूंगी हु अंधी नहीं
Yogi Krishnadev Nath
একজন লেখকের জন্য এরচেয়ে বড় প্রাপ্তি আর কী হতে পারে ? মিষ্টি নামের তিক্ত রোগ লেখাটি এখন মাত্রুভারতি কর্তৃপক্ষ পাবলিশ করে না। তাই আগ্রহী বন্ধুদের বইটি অনলাইনে সংগ্রহ করে নিতে অনুরোধ রইলো।
Rahul Raaj
गलतियों से जुदा तू भी नहीं मै भी नहीं.
हम दोनों इंसान ही है..
खुदा तू भी नहीं मै भी नहीं..
तू मुझे मै तुझे.. इल्ज़ाम तो देते है मगर..
अपने गिरेबान में झांकता तू भी नहीं मै भी नहीं..
गलतफहमियों ने दूरी पैदा कर दी है वरना..
बुरा तो तू भी नहीं मै भी नहीं...
archana
लेखनी की दुनिया बड़ी कमाल की है
जहां न किसी के दर्द ना मजाक बनाया जाता है न किसी का भावनाओ उपहास किया जाता है ,जहां हर किसी भावनाओं का होता सम्मान सम्मान है।
यहाँ हर भावना का सम्मान होता है,
हर दिल की धड़कन सुनी जाती है,
और किसी के दुःख या भावनाओं का
उपहास नहीं किया जाता।
शायद इसलिए ही—
लिखने की दुनिया,
दुनिया की सबसे महान दुनिया है।
---
archana
मेरे अपने ही कहते है मैं उनको क्या जवाब दूं क्योंकि मैं उन पर ही तो निर्भर हूं शायद इसलिए 🥹💔
Dhamak
कौन याद रखेगा तुझे,
क्या ऐसा है तुझमें…
कभी-कभी ये दिल ही पूछे,
तू क्या है अपनी पहचान में…
खामोशी के अंदर से,
एक स्वर धीरे-धीरे कहे…
तेरा ही मैं साया हूँ,
हर मोड़ पे साथ रहूँ मैं…
जवाब सभी मेरे भीतर ही हैं,
मेरी पहचान का उजाला भीतर ही है…
तू बाहर ढूँढे लाखों रस्ते,
पर सच का दरवाज़ा भीतर ही है…
जब अँधेरा पास यहाँ आए,
और मन थोड़ा-सा डर जाए…
तेरे भीतर का दीपक ही,
हर रात को रोशन हो जाए…
जवाब सभी मेरे भीतर ही हैं,
मेरी पहचान का उजाला भीतर ही है…
दुनिया चाहे समझे या नहीं,
पर तेरी आँखें सच्चा बोले हैं…
तेरा मन ही साथी है,
तेरा अंतर ही दीया है…
बाहर नहीं, भीतर ही—
तेरा सच बस जीता है…
I translate my Gujarati poem in Hindi for Hindi version
Dhamak
कौन याद रखेगा तुझे,
क्या ऐसा है तुझमें…
कभी-कभी ये दिल ही पूछे,
तू क्या है अपनी पहचान में…
खामोशी के अंदर से,
एक स्वर धीरे-धीरे कहे…
तेरा ही मैं साया हूँ,
हर मोड़ पे साथ रहूँ मैं…
जवाब सभी मेरे भीतर ही हैं,
मेरी पहचान का उजाला भीतर ही है…
तू बाहर ढूँढे लाखों रस्ते,
पर सच का दरवाज़ा भीतर ही है…
जब अँधेरा पास यहाँ आए,
और मन थोड़ा-सा डर जाए…
तेरे भीतर का दीपक ही,
हर रात को रोशन हो जाए…
जवाब सभी मेरे भीतर ही हैं,
मेरी पहचान का उजाला भीतर ही है…
दुनिया चाहे समझे या नहीं,
पर तेरी आँखें सच्चा बोले हैं…
तेरा मन ही साथी है,
तेरा अंतर ही दीया है…
बाहर नहीं, भीतर ही—
तेरा सच बस जीता है…
DHAMAK
Dhamak
Kisi Ne mujhse poochha ki tum kabhi jid karti ho..
DHAMAK
Dada Bhagwan
मनुष्य अपने कर्मों के हिसाब से मृत्यु के बाद अलग-अलग गति में जाता है। ऐसी कोई युक्ति है जिससे मालूम पड़े कि आत्मा स्वर्ग में जाएगा या नरक में? मृत्यु के बाद आत्मा की गति कैसे तय होती है? आइए जानें इस विडीयो में...
Watch here: https://youtu.be/abt2_2kY7Nw
#spirituality #spiritualvideo #trending #soul #DadaBhagwanFoundation
Hardik Galiya
કૃષ્ણ જોઈએ છે
જોઈએ છે, જોઈએ છે, જોઈએ છે,
મિત્ર જોઈએ છે, કૃષ્ણ જોઈએ છે.
સ્વાર્થી દુનિયામાં સારથી બને એવો,
મિત્ર જોઈએ છે, કૃષ્ણ જોઈએ છે.
વ્યથા મિટાવે,ને વિચલિત ન થવા દે,
જે શ્વાસમાં ભળી,વિશ્વાસ બની રહે.
સુખ-દુઃખમાં ખીજવે,વ્હાલથી મનાવે,
એવો મિત્ર જોઈએ છે,કૃષ્ણ જોઈએ છે.
જેના ખભે હાથ મૂકીને,બેખૌફ ચાલી શકું,
ખોળામાં માથું રાખી, નિરાતે હું સુઈ શકું.
જેનો હાથ પકડી,જિંદગીના પંથે દોડી શકું,
એવો મિત્ર જોઈએ છે, કૃષ્ણ જોઈએ છે.
અશ્રુ વહે, તો પડછાયો બનીને રોકે,
મન મૂંઝાય, તો કાનમાં મીઠું ગીત બોલે.
ખુશીમાં મારાથી પણ વધારે ખુશ થાય,
એવો મિત્ર જોઈએ છે, કૃષ્ણ જોઈએ છે.
સંઘર્ષના મેદાનમાં શસ્ત્ર બની આવે
મોહમાયાના જળમાં હંસ થઈ આવે.
સાથ આપે, વિશ્વાસ આપે એવો,
મિત્ર જોઈએ છે, કૃષ્ણ જોઈએ છે.
- હાર્દિક ગાળિયા
SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》
*કુછ રાસ્તે સિર્ફ લે જાતે હૈ,,,
*લૌટાતે નહિ...!!!*
- SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》
Hardik Galiya
લાગે નઝરના
નદી કિનારે ખીલેલું ગુલાબ તેને લાગે નઝર ના
હોય મારા હાથમાં તારો હાથ તેને લાગે નઝર ના
કોઈ એક સાંજ,ઊગેલું ચાંદ,અને છે ચમકતી રાત
ને તારી આંખેમાં રાતનો ઉજાસ તેને લાગે નઝર ના
નથી કોઈ કવિ,નથી કોઈ કવિતા,નથી કોઈ કળા
તને જોયા પછી એક જ વાત તને લાગે નઝર ના
જીવનો રસ્તો ભલેને હોય કડવો કે મધુરો પણ
તારી સાથે જ્યારે હોય ત્યારે તને લાગે નઝર ના
સુંદર છે તારા મુખથી નીતરતું અવિરત નીરવ મૌન
છૂપાવે તું શબ્દે જ્યારે"હાર્દિક"તેને લાગે નઝર ના
Shailesh Joshi
દરેક કામના બે પ્રકાર હોય છે, એક શક્ય, અને બે અશક્ય, હવે જે કામ શક્ય હોય છે, એ કામ તો આપણે કરી શકીએ છીએ, ને અશક્ય કામ કરવાની જવાબદારી અસલમાં સમયની હોય છે. છતાંય જે લોકો ધીરજ ગુમાવી પોતાની જીદ, કે અહમમાં આવી સમયની જે જવાબદારી છે, એ પોતે ઉઠાવી હમણાંને હમણાં એ કામની પાછળ પડી જાય છે, એ લોકો એમના જીવનમાં ઘણાં પાછળ રહી જાય છે.
- Shailesh Joshi
Trupti Bhatt
1)ઉગતા સુરજની
લીધી લાલીમા
ધરા છે ઉજવલા
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2) ડૂબતા સૂર્યથી ઍ
ઘોર નિરાશા
વિરહિણી છે ધરા.
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
3)
સૂરજ ચંદર ની
દોસ્તી અમર
શ્વાસોશ્વાસ.સમી
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
4)
નભ ચંદ્ર ને સૂર્ય
આંખમીચોલી
ખેલે હરહંમેશ
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
5)
Manvi Chauhan
pyaar ❤️
Kehne ko to lakh hai Mere chahne wale...❤️
Par Kisi me tere jese chahte nhi...❤️🤞
यूं तो saath sabhi dete hai..🤝🤞
Par mushibat me yaad sirf Tere hi ati h...🫵❤️
Ese to लाखों hai ise duniya me...🌍✨
Par iye Dil sirf Tere liye hi kyu dhadakta hai..❤️....?
Khushiyo me to sabhi haste hai Mere 😄...
Par tanhaiyo me sirf tu saath Hoti hai...🖤🥀
Samjhate to MAA -Baap bhi hai 🌍❤️....
Par jb Tak tu na samjhaye
Iye Diwana Dil kaha smjhta hai...❤️🥹
Sukoon ke लाख तरीके hai ise Jahan me ..🌍
Par tere बाहो se gale lgne se badhkar sukoon kaha...?🫂
Tu hi mere harshat hai tu hi Mere diwangi..❤️
Tu hi Mera pyaar hai tu hi mera ❤️🌍... ibbadat
Mere sarir se रूह nikl jana manjoor hai mujhe...🥹🤞
Par Mere jindagi se tera nikl jana nhi...❤️
Kabhi kabhi lagta hai,😊🥀
Pyaar bhi shayad tujhse hi paida hua tha…🫵 tabhi tu itni khaas lagti hai.🤞❤️
Tere bin me बेरागी hu...🖤🥀
Tu bs mere liye ek शक्स nhi hai
Tu mera ishq mera pyaar hai
MERE JAAN ❤️🌍✨...
✍️.....MANVI
Parag gandhi
*ઉદાહરણ આપવું તો સહેલું છે*
*પરંતુ ઉદાહરણ બનવું મુશ્કેલ છે*
Good morning
Imaran
#प्यार 💏 करने वाले #कहते हैं 💘 पहला प्यार 💏
कभी #भुलाया 😫 नही जा 😗 #सकता है तो
#माँ 👵 #बाप 👴 का #प्यार 💏 कैसे #भूल 🤔 जाते है 😏
♥️ imran ♥️
Anghad
એક હૃદયસ્પર્શી વાર્તા આકાર લઈ રહી છે..... Coming Soon
S A Y R I K I N G
SAYRIKING
सुबह से इतने लोग गुड मॉर्निंग भेजते हैं एक भी ये नहीं पूछते है गुड मॉर्निंग से पेट नहीं भरता है कम से कम दो आलू के पराठे भेज दे तो कुछ बात बने
pink lotus
माँ kali ❣️🌸दुनिया मे तुझसा सुंदर मेने कभी कोई नही देखा।
और जिसे सुंदर देखा उसमे बस तुझी को देखा और फिर जब मेने कुरूप वस्तु ओ को देखा उसमे भी तुझे खोजा
तो वह कुरूप भी दुनिया की सब से सुंदर मुरत बन गयी मेरे लिए👀
by:pinklotus ❣️🌸
for my kali ❣️
Jyoti Gupta
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Deepak Bundela Arymoulik
कमाई की परिभाषा
कमाई की कोई किताबों-सी परिभाषा नहीं,
यह तो जीवन की हर साँस में बसी कहानी है।
कहीं सिक्कों की खनक है, कहीं आँसुओं की सीख,
कहीं रिश्तों की गर्माहट, कहीं सम्मान की पहचान है।
धन अगर पेट भर दे तो कमाई समझो,
दुःख अगर सिखा दे तो भी वह कमाई ही ठहरी।
जो हार के बाद हिम्मत बन जाए भीतर,
वह तजुर्बा भी तो उम्र की सबसे बड़ी कमाई ही रही।
माँ की दुआ, पिता का साया, दोस्त की सच्ची मुस्कान,
ये वो दौलत हैं जिन्हें तिजोरियों में नहीं रखा जाता।
जो रिश्तों में विश्वास बोता है जीवन भर,
वही इंसान असली अमीर कहलाता है, यही तो कमाई कहलाती है।
सम्मान जो मिले चरित्र की खुशबू से,
वह नोटों से कभी खरीदा नहीं जाता।
जिसने खुद को गिरने से बचा लिया हर बार,
समझो उसने ज़िन्दगी बहुत महँगी कमाई कमाई है।
तो पूछो मत—कितना बैंक बैलेंस है तुम्हारा,
पूछो—तुमने कितना मनुष्य होना कमाया?
क्योंकि धन, तजुर्बा, रिश्ते और सम्मान—
ये सब मिलकर ही जीवन की असली कमाई बन पाया।
आर्यमौलिक
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
जलवा
महफिल में शबाब का जलवा बाज़ी मार गया l
नजरे चार होते ही इश्क़ वाला दिल हार गया ll
क़सम ली थी ना जायेंगे कभी हुस्न की गली l
ना सभला दिल तो उस गली बार बार गया ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
shah
"ખોટા પ્રશ્ન" નો શ્રેષ્ઠ ઉત્તર એટલે "મૌન"*
*અને*
*"કપરા સમય" ની શ્રેષ્ઠ પ્રતિક્રિયા એટલે* *"સ્મિત"…..*
🐁🐀 *જય ગણેશ* 🐀🐁
🌷🙏🏻 *जय गोपाल*🙏🏻🌷
*🌹🙏🏻जय श्रीराधाकृष्ण🙏🏻🌹*
🌺 *सुप्रभातम्*🌺
shah
*તમને કોઈ રડાવી નહીં શકે*
*જ્યારે*
*તમારી ખુશી ના માલિક તમે પોતે થઈ જશો.......*
*🌹🙏શુભ સવાર🙏🌹*
kajal jha
तू गया तो लगा जैसे ज़िंदगी का रास्ता ही बदल गया,
मैं वही खड़ा रह गया… और तू किसी और दिशा में निकल गया।
तेरी यादें आज भी सीने में ठंडी आग की तरह जलती हैं,
हँसता हूँ मैं, मगर अंदर की खामोशी चीख़ कर पलटती है।
जिस मोहब्बत को पूजा था, उसी ने मुझे रुला दिया,
जिस हाथ को थामा था, उसी ने मुझे ठुकरा दिया।
तुम कहते थे — ‘कभी छोड़कर नहीं जाऊँगा’,
और आज उसी झूठ ने मेरे दिल का वजूद मिटा दिया।
रातें अब भी तुझसे बातें करने की आदी हैं,
पर सुबहें तन्हाई की चाय और टूटे भरोसे से भरी हैं।
किसे बताऊँ कि मुस्कुराहट के पीछे कितना दर्द है,
किसे बताऊँ कि मज़बूत दिखने वाला दिल कितना ज़ख़्मी और कमज़ोर है।
तू बदल गया या हालात, ये आज तक समझ नहीं पाया,
पर इतना ज़रूर जाना — टूटने के बाद कोई पहले जैसा नहीं हो पाता।
तू चला गया… मगर तेरे जाने के बाद की चुप्पी
मेरी हर धड़कन में हथौड़े की तरह गूँजता है।
तू बस एक इंसान नहीं था,
मेरे सपनों की नींव था, मेरी साँसों का सिरा था,
और आज वो नींव टूट चुकी है…
मेरे अंदर की दुनिया बिखर चुकी है…
और मैं?
मैं बस एक खामोश कहानी बन चुका हूँ—
जिसका अंत कोई नहीं पढ़ना चाहता।"
- kajal jha
kajal jha
तू गया तो लगा जैसे ज़िंदगी का रास्ता ही बदल गया,
मैं वही खड़ा रह गया… और तू किसी और दिशा में निकल गया।
तेरी यादें आज भी सीने में ठंडी आग की तरह जलती हैं,
हँसता हूँ मैं, मगर अंदर की खामोशी चीख़ कर पलटती है।
जिस मोहब्बत को पूजा था, उसी ने मुझे रुला दिया,
जिस हाथ को थामा था, उसी ने मुझे ठुकरा दिया।
तुम कहते थे — ‘कभी छोड़कर नहीं जाऊँगा’,
और आज उसी झूठ ने मेरे दिल का वजूद मिटा दिया।
रातें अब भी तुझसे बातें करने की आदी हैं,
पर सुबहें तन्हाई की चाय और टूटे भरोसे से भरी हैं।
किसे बताऊँ कि मुस्कुराहट के पीछे कितना दर्द है,
किसे बताऊँ कि मज़बूत दिखने वाला दिल कितना ज़ख़्मी और कमज़ोर है।
तू बदल गया या हालात, ये आज तक समझ नहीं पाया,
पर इतना ज़रूर जाना — टूटने के बाद कोई पहले जैसा नहीं हो पाता।
तू चला गया… मगर तेरे जाने के बाद की चुप्पी
मेरी हर धड़कन में हथौड़े की तरह गूँजता है।
तू बस एक इंसान नहीं था,
मेरे सपनों की नींव था, मेरी साँसों का सिरा था,
और आज वो नींव टूट चुकी है…
मेरे अंदर की दुनिया बिखर चुकी है…
और मैं?
मैं बस एक खामोश कहानी बन चुका हूँ—
जिसका अंत कोई नहीं पढ़ना चाहता।"
- kajal jha
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