The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
@sangramsingh
19
57.3k
120.2k
ग़ज़ल अकेलेपन की आदत ने बिगाड़ा, मुझे मेरी ही संगत ने बिगाड़ा नहीं टिकतीं किसी मंज़र पे नज़रें, मिरी आँखों को हैरत ने बिगाड़ा बनाया काम बदनामी ने कोई, तो कोई काम शौहरत ने बिगाड़ा बिगाड़ा खेल जब क़ुदरत का हमने, हमारा खेल कुदरत ने बिगाड़ा.
ഉപയോഗിച്ച് പ്രവേശിക്കുന്നത് തുടരുക
By Login you agree to Matrubharti "ഉപയോഗ നിബന്ധനകൾ | മാതൃഭാരതി" and "സ്വകാര്യത നയം"
പരിശോധന
ഡൗൺലോഡ് അപ്ലിക്കേഷൻ
അപ്ലിക്കേഷൻ ഡൗൺലോഡുചെയ്യാനുള്ള ലിങ്ക് നേടുക
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser